World Bicycle Day 2024: साइकिल चलाना अपने आप में शौक हो सकता है, लेकिन यह स्वास्थ्यवर्धक भी है. पहले साइकिल चलाना लोगों की मजबूरी हुआ करती थी, लेकिन अब इसे स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाता है. राजस्थान के कोटा में प्रतिदिन करीब15 हजार से अधिक कोचिंग स्टूडेंट्स नियमित साइकिल चलाते हैं. इसके साथ ही यहां साइकिल के तीन से चार बड़े ग्रुप बने हुए हैं, जो प्रतिदिन साइकिल चलाते हैं और दूसरों को प्रेरित करते हैं.


कोटा में बड़ी संख्या में बच्चे भी साइकिल को महत्व देते हैं या यूं कहे की इनके परिजन इन्हें साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करते हैं. साइकिलिस्ट अंकित अग्रवाल ने आज विश्व साइकिल दिवस पर बताया कि साल 2016 में उनका वजन करीब 131 किलो हो गया था. इतना वजन बढ़ना शरीर के लिए नुकसानदायक था. अंकित के घरवालों की चिंता बढ़ने लगी, तो शुरूआत में अंकित ने केवल सेहत के लिए चलाना शुरू किया बाद में साइकिल उनके जीवन का हिस्सा बन गई. 


100 से ज्यादा साइकिल इवेंट्स में लिया भाग 
अंकित रामपुरा अग्रसेन बाजार के किराना व्यवसायी हैं. शुरू में अंकित तीन से चार किलोमीटर साइकिल चलाते थे. धीरे-धीरे सेहत में असर दिखा तो 6 से 10 किलोमीटर चलाने लगे. इसके बाद साइकिलिंग में उन्हें ऐसी रुचि हुई कि अब वह करीब 50 से 60 किलोमीटर प्रतिदिन साइकिल चलाते हैं. अंकित अब तक कुल 100 से ज्यादा साइकिल इवेंट्स में भाग ले चुके हैं और उन सभी में उन्होंने सफलता पाई है. ये ही नहीं अंकित हर रविवार को लोगों को साइकिल का महत्व बताते हैं और बच्चों को साइकिल चलाना सिखाते भी हैं.


अंकित ने बताया कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में कोटा में 22 जनवरी को साइकिल पर राम भगवान का 11 फीट ऊंचा भगवा ध्वज लेकर 111 किलोमीटर की दूरी तय कर कोटा शहर को कवर किया था.


अंकित अग्रवाल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं. वह कोटा शहर के रेगुलर साइकिलिस्ट हैं. अंकित में साइकिलिंग और रनिंग का शौक देखकर उनकी उपलब्धियां देख उनके बच्चों में भी अभी से ही देश प्रेम और स्पोर्ट्स के प्रति भावना जागने लगी.


स्वतंत्रता दिवस 2022 को 7.5 वर्ष के उनके बेटे भव्य ने सात फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज के साथ 1 घंटा 15 मिनट में 20.21 किलोमीटर साइकिल चलाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया. स्वतंत्रता दिवस 2023 को उनके छोटे बेटे 6 साल के लक्ष्य ने भी देश प्रेम के प्रति दौड़ लगाकर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया रिपोर्ट ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया. दुकान की जिम्मेदारी के साथ भी उन्होंने साइकिल चलाने का अपना शौक बरकरार रखा है.



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