World Brain Day 2024: मोबाइल, कम्प्यूटर, टीवी और बदलती जीवनशैली का मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ रहा है. मस्तिष्क रोग की चपेट में बच्चे भी आ रहे हैं. हर साल 22 जुलाई को विश्व मष्तिष्क दिवस मनाया जाता है. दुनिया भर में मनाये जाने वाले दिवस का उद्देश्य ब्रेन हेल्थ से संबंधित जागरूकता फैलाना है. 


कोटा मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. एसएन गौतम ने बताया कि मस्तिष्क का हमारे शरीर को चलाने में या फिर किसी भी तरह का निर्णय लेने में बहुत गहरा योगदान होता है. हमारा दिमाग दिल की धड़कन को सामान्य रखने, सांस को अनियंत्रित होने से रोकने, शरीर के तापमान को बनाए रखने और रक्तचाप को स्थिर रखने का काम करता है. मस्तिष्क 24 घंटे काम करता है.


नींद में भी काम करता है मस्तिष्क 


नींद में भी मष्तिष्क तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है. शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक संकेतों और निर्देशों को भेजने का काम मष्तिष्क करता है. ब्रेन डिसऑर्डर के प्रति आज भी भारत में जागरूकता की कमी है. इसी कारण से लोग इलाज में देरी कर देते हैं और स्थिति काफी बिगड़ जाती है. मस्तिष्क से जुड़े विकारों का इलाज देर से करना जोखिम भरा हो सकता है.


कई प्रकार के होते हैं ब्रेन डिसऑर्डर


डॉ. गौतम ने बताया कि कोटा मेडिकल कॉलेज में ब्रेन से सम्बंधित हर समस्या का निशुल्क इलाज है. उन्होंने कहा, "ब्रेन डिसऑर्डर कई प्रकार का होता है. ब्रेन इंजरी-सिर में चोट या दिमाग में स्ट्रोक (लकवे का दौरा ) होना, ब्रेन ट्यूमर्स, न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग-मानसिक रोग जैसे पाकिंर्संस डिजीज, अल्जाइमर्स डिजीज, डिमेंशिया ब्रेन डिसऑर्डर में शामिल होते हैं. मेंटल डिसऑर्डर के तहत डिप्रेशन, एंग्जायटी, बाइपोलर डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर शामिल होता है." उन्होंने बताया कि कोटा संभाग में 5 हजार से अधिक लोग हर साल ब्रेन डिसऑर्डर का शिकार होते हैं. 


ब्रेन को हेल्दी रखने के जानें टिप्स


डॉ. गौतम ने बताया कि ब्रेन को कई तरीकों से हेल्दी रखा जा सकता है. नियमित व्यायाम, वॉकिंग, एरोबिक्स, स्विमिंग करें. मष्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नींद हेल्दी भोजन में हरे पत्ते वाली सब्जियां, अंकुरित बीज, ताजा फल का सेवन किया जा सकता है. 
 
डॉ. एसएन गौतम ने बताया कि पेय पदार्थ जैसे सोडा, स्पोर्ट्स ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक और पैक्ड फलों के जूस में चीनी मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है. चूहों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि चीनी का अधिक सेवन मस्तिष्क में सूजन और याददाश्त की दिक्कतें बढ़ा सकता.


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