World Brain Tumour Day 2024: न्यूरो सर्जरी के मामले में राजस्थान का कोटा शहर विकसित हो रहा है. पहले यहां के लोगों को ब्रेन ट्यूमर और अन्य ट्यूमर के इलाज के लिए बाहर जाना होता था. साथ ही उसमें लाखों रुपये खर्च हो जाते थे, लेकिन अब बिना पैसों के ही कोटा में सभी तरह के ट्यूमर का इलाज हो रहा है, सर्जरी हो रही है और इसका सक्सेस रेट भी ज्यादा है.


कोटा में डॉक्टरों की बेहतरीन टीम काम कर रही है, जो सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है. अब कोटा में हर महीने 10 ऑपरेशन हो रहे हैं. डॉक्टर एसएन गौतम, न्यूरो सर्जन और विभागाध्यक्ष न्यूरो सर्जरी विभाग मेडिकल कॉलेज ने बताया कि 8 जून के दिन हर साल "विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस" के तौर पर मनाया जाता है.


उन्होंने बताया कि सिर की हड्डी और दिमाग में किसी भी तरह की होने वाली गांठ को ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है. उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखने वाली बात है कि हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है. ट्यूमर को आमतौर पर कैंसर से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है, लेकिन सही समय पर इसका इलाज शुरू न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर खतरनाक बीमारी है. यह सिर्फ मस्तिष्क को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर होता है, क्योंकि मस्तिष्क ही पूरे शरीर को संचालित करता है.


50 से ज्यादा उम्र वालों को कैंसर का खतरा
बुजुर्गों में ट्यूमर कैंसर बन सकता है. 20 से 40 साल के लोगों को ज्यादातर कैंसर रहित और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादातर कैंसर वाले ट्यूमर होने की आशंका रहती है. कैंसर रहित ट्यूमर, कैंसर वाले ट्यूमर की तुलना में धीमी गति से बढ़ता है.  डॉ. गौतम ने बताया कि कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग में पिछले एक साल में 118 ट्यूमर के ऑपरेशन हुए.


यहां 10 ऑपरेशन प्रतिमाह हो रहे हैं. लगभग इससे दुगने मरीज ऑपरेशन से मना कर देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि दवाईयों से ठीक हो जाएंगेय वहीं जब ट्यूमर इतना बड़ा हो जाता है कि मरीज लकवाग्रस्त या बेहोश हो जाता है, तब उसको इलाज के लिए भर्ती करवाते हैं, लेकिन तब तक वो लाइलाज हो जाता हैं. कोटा में ट्यूमर सर्जरी की मृत्युदर लगभग दो प्रतिशत है, जो की किसी भी विश्वस्तरीय हॉस्पिटल के समकक्ष है.


क्यों होता है ब्रेन ट्यूमर?
डॉक्टर ने कहा कि हम यह नहीं जानते हैं कि किसी व्यक्ति के ब्रेन ट्यूमर के विकसित होने का कारण क्या है? ब्रेन ट्यूमर के कई संभावित जोखिम कारकों का वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है, पर आयनिंग विकिरण के संपर्क में आने से मस्तिष्क ट्यूमर के विकास का जोखिम अधिक है. आयनिंग विकिरण अक्सर एक्स-रे में पाया जाता है, यही कारण है कि कुछ एक्स-रे किए जाने पर मानव शरीर को शीशे की ढाल द्वारा संरक्षित किया जाता है. कुछ मामलों में यह आनुवांशिक हो सकता है. हालांकि, केवल 5 से 10 प्रतिशत ब्रेन ट्यूमर एक पीढ़ी से दूसरे परिवार में पारित हो पाते हैं.


ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
समय रहते इसके संकेतों को न समझा जाए तो ब्रेन ट्यूमर घातक हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर की शुरूआत होने पर व्यक्ति में कुछ लक्षण नजर आते हैं, लेकिन इसे सामान्य समझा जाता है. डॉ. एस एन गौतम का कहना है कि मस्तिष्क में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं और इससे जो गांठ बन जाती है, उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं.


प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उससे आसपास के ऊतकों में ही शुरू होता है, लेकिन मेटास्टेटिस ब्रेन ट्यूमर शरीर के किसी अन्य हिस्से से शुरू होता है और मस्तिष्क तक खून के माध्यम से फैल जाता है. डॉ. गौतम का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर के संकेतों और लक्षणों में भिन्नता होती है. यह ब्रेन ट्यूमर के आकार, स्थान और बढ़ने की दर पर निर्भर करता है. कई बार बिना किसी लक्षण के भी व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर की समस्या हो सकती है.



यह भी पढ़ें: अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की हार पर सचिन पायलट का बड़ा बयान, कहा- 'जो इस बार नहीं जीते वो...'