World Environment Day: आज विश्व पर्यवारण दिवस है, दुनियाभर में पर्यवारण को अच्छा रखने के लिए हर जगह कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इसके बाद भी पर्यवारण का नुकसान होता जा रहा है इसके कारण कई जगह हवा जहरीली हो गई है. इसके उलट राजस्थान के उदयपुर की पूरे प्रदेश से तुलना करें तो यहां की हवा काफी स्वच्छ है. इसके पीछे कारण यहां का पर्यवारण. उदयपुर में प्रदेश का सबसे बड़ा जंगल का हिस्सा 2753.39 वर्ग किलोमीटर है जी प्रदेश का कुल 23.49 प्रतिशत हिस्सा है. इसी जंगल के कारण यहां प्रदेश की सबसे स्वच्छ हवा है. 


स्वच्छ पर्यवारण से उदयपुर को बड़ा फायदा
उदयपुर में इस स्वच्छ और शांत वातावरण के कारण यह पर्यटन हब बन चुका है. यहां हर साल 10 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं. बड़ी बात यह है कि लगातार इनकी संख्या बढ़ती जा रही है. मार्च की बात करें तो गर्मी होते हुए भी 80 हजार से ज्यादा पर्यटक आए.


अब इसी कारण राजस्थान पर्यटन विभाग से भी पर्यटकों को उदयपुर की प्रकृति से रूबरू कराने के लिए भी प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं. हालही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जंगल के बीच स्थित महाराणा प्रताप के शस्त्रागार रही मायरा की गुफा को विकसित करने के किये बजट जारी किया है. 


उदयपुर का एक्यूआई लेवल रहता है 130 से नीचे
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार उदयपुर 11724 वर्ग कीमि क्षेत्रफल में फैला हुआ है जिसमें से 2753.39 वर्ग किमी में जंगल है जो 23.49 एरिया है. इसी कारण पिछले 2018 से 2022 के बीच यहां का एक्यूआई लेवल 38 से 130 तक रहा जो प्रदेश में सबसे कम है.


बड़ी बात यह है कि शनिवार 4 जून की ही बात करें टी उदयपुर का एक्यूआई मात्र 88 रहा जो बहुत अच्छी स्थिति है. जबकि भिवाड़ी जो जहां सबसे ज्यादा खराब स्थिति रहती है वहा शनिवार को 322 एक्यूआई रहा जो घातक स्थिति है. अब हम खुद समझ सकते हैं कि उदयपुर की हवा कितनी स्वच्छ है. जयपुर की भी स्थिति ठीक है जहाँ 170 एक्यूआई रहा. आप ग्राफ के जरिए समझ सकते है की कितने एक्यूआई में स्थिति कैसी होती है.


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