World Environment Day: आज विश्व पर्यावरण दिवस है. ऐसे में राजस्थान में पेड़ और पानी को लेकर खूब चर्चा हो रही है. इसको लेकर जयपुर में एक परिचर्चा आयोजित हुई जिसमें राजस्थान में पर्यावरण की बेहतरी के लिए सुझाव दिए गए. ऐसे में 'गिव मी ट्रीज' (Give Me Trees) ने बड़ी पहल शुरू की है. राजस्थान में भले ही पानी की कमी है लेकिन पौधों को लगाया जा रहा है.


दरअसल, 43 साल पहले पर्यावरण प्रेमी पीपल बाबा ने 'गिव मी ट्रीज' क्‍लब की स्थापना की थी. इसके जरिये देश के 20 राज्यों के अंतर्गत आने वाले 230 जिलों में अब तक 2 करोड़ 30 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं. जिनमें से सवा करोड़ पीपल के पेड़ हैं और अगला कदम राजस्थान के कई जिलों में है. जोधपुर, झुंझुनू और बीकानेर और जयपुर में पीपल के पौधे लगाए जाएंगे.


बाबा का संदेश 


'गिव मी ट्रीज' क्‍लब के संस्थापक पीपल बाबा का कहना है कि पर्यावरण संवर्धन के लिए देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. जैसे लोग डॉक्‍टर, इंजीनियर शिक्षक बनते हैं, वैसे देश में ट्री प्लांटर भी बनाए जाएं. इसके लिए अहम प्रशिक्षण की जरूरत है, इसीलिए गिव मी ट्रीज ट्रस्‍ट ने नेचर एजुकेशन के लिए टीम बनाई गई है. उन्होंने बताया कि टीम में अजीत के पास पौधरोपण, इश्तियाक को बायोडायवर्सिटी, चौहान को पानी और मिट्टी, विनीत के पास जनरल सेशन और जगदीप को कम्पोस्ट के सेशन लेने के लिए जिम्मदारी दी गई है. इनके काम से वहां पर पक्षी मधुमक्खी, तितली की संख्या बढ़ गई है. बायो डायवर्सिटी की जानकारी बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.


कोरोना काल में बने सहारा 


इतना ही नहीं पर्यावरण के क्षेत्र को विस्तार देते हुए कोरोना काल में बेसहारा हुई महिलाओं को रोजगार देने के लिए ट्रस्‍ट ने वर्मीकंपोस्ट का बड़ा केन्द्र खोला था. इससे हजारों महिलाएं लाभान्वित भी हो रही हैं. शुरुआती तौर पर ग्रामीण महिलाओं ट्रेनिंग दी जा रही है. एक साल तक ट्रेनिंग दी गई है. फिर इन महिलाओं ने एक स्वचालित संस्था बना ली। GMTT इनके द्वारा बनाए गए वर्मी कम्पोस्ट को खरीदती है और इससे महिलाओं को मजबूती मिल रही है. 


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