बारिश से गिरी जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की दीवार, विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है यह किला
Sonar Fort Wall Collapsed: जैसलमेर किले के परकोटे की दीवार कुछ दिन पहले से ही हिलने लगी थी, उसको लेकर स्थानीय प्रशासन को शिकायत भी की गई थी, लेकिन इस मामले को लेकर प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई.
Jaisalmer Sonar Fort Wall Collapsed: राजस्थान में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है. इस बीच पर्यटन नगरी जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार किले के एक हिस्से की दीवार गिर गई है. यह सोनार किला करीब 900 साल पुराना है और जैसलमेर का प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. साथ ही यह विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल है.
ऐतिहासिक जैसलमेर किले के परकोटे की दीवार कुछ दिन पहले से ही हिलने लगी थी, उसको लेकर स्थानीय प्रशासन को शिकायत भी की गई थी, लेकिन इस मामले को लेकर प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई. अब किले के एक हिस्से की दीवार गिरने के बाद पुलिस ने इस क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगा दी है.
जैसलमेर का 900 साल पुराना ऐतिहासिक सोनार किला 250 फीट ऊंचे पर्वत पर बना हुआ है. किले में कुल चार प्रवेश द्वार हैं, जिनमें से हर एक द्वार पर तोप लगी हुई है. इस किले में कुछ हवेलियां भी हैं, जिनमें पटवाओ की हवेली, नथमल की हवेली, सलाम सिंह की हवेली भी शामिल है.
विश्व धरोहर की सूची में शामिल 900 साल पुराना जैसलमेर का ऐतिहासिक सोनार किले का एक हिस्सा ढहा @abplive @ABPNews @ashokgehlot51 @BhajanlalBjp @pravinyadav @santprai @srameshwaram @gssjodhpur @KumariDiya @crsinghbhati @RajCMO pic.twitter.com/1wgT5Rwh6v
— करनपुरी (@abp_karan) August 7, 2024
जैसलमेर के राज परिवार ने की ये अपील
सोनार किले में बाजार लगती है. कई सारी दुकान और कई प्राचीन मंदिर मौजूद है. हालांकि, इस किले में राज परिवार नहीं रहता है. वहीं इस घटना के बद जैसलमेर राज परिवार के राजा चैतन्य राज सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि पिछले एक सप्ताह से चल रही भारी बारिश से आज किले की एक दीवार ढह गई है. हम जानते हैं कि हर बार बरसात के मौसम में दीवारों के ढहने से किलेवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है."
उन्होंने आगे कहा कि "इस प्रकार की आपदा से बचने और किसी अनहोनी का शिकार होने से पहले हमें सचेत होने की आवश्कता है. जैसलमेर के शौर्य, पराक्रम, असीम आक्षांकाओं और इतिहास को समेटे दुर्ग को ऐसे जर्जर हालात में देखना प्रत्येक जैसलमेरवासी को पीड़ा देता है. इस समस्या का स्थाई समाधान हो इसके लिए जैलसमेर के सभी वाशिंदों और प्रशासन को मिलकर काम करना चाहिए."
"प्रशासन के सहयोग से संरक्षण और पुनरुद्धार का कार्य करवाकर किले को मूल स्वरूप में लौटाया जा सकता है. इसके लिए किलेवासियों को जागरूक करने के साथ सभी जैसलमेरवासियों को सम्मिलित रूप से प्रयास करने होंगे. मेरी जिला कलेक्टर और प्रशासन से अपील है कि किले के संरक्षण को लेकर मास्टरप्लान और पुनरुद्धार की कार्ययोजना बनाएं. साथ ही बारिश के मौसम में किसी प्रकार की जनहानि ना हो इसके लिए पुख्ता बंदोबस्त किए जाएं."
बता दें पिछले तीन दिनों से भारी बारिश का दौरा जारी है. मंगलवार को रुक-रुक कर बारिश होने से जैसलमेर शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया और सड़के पूरी तरह से तरबतर नजर आई. शहर में सुबह दोपहर शाम तक कभी तेज तो कभी धीमी बारिश से जगह-जगह जलभराव के हालात बन गए. इसी तरह से जिले के पोकरण, रामदेवरा, मोहनगढ़, नाचना, फतेहगढ़ आदि क्षेत्रों में भी बादल जमकर बरसे. यहां हल्की बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है.