Kota News: कोटा का चम्बल रिवर फ्रंट (Chambal River Front) एक के बाद एक विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. इस बार यहां एक ऐसी बेल (Bell) तैयार की जा रही है, जो विश्व रिकॉर्ड (World Record) बनाने जा रही है. इसकी घंटे की और भी कई खूबियां हैं. माना जा रहा है कि इसके बनने के बाद हजारों लोग इसे देखने आएंगे. 


चंबल रिवर फ्रंट पर दुनिया की सबसे बड़े घंटे को ढालने की तैयारी पूरी कर ली गई हैं. घंटे को ढालने के लिए जयपुर से तीन टुकड़ों में लाए गए फाइबर के थ्री-डी मदर पैटर्न को जोड़कर फाइनल फिनिशिंग दे दी गई है. अब इसके सहारे विभिन्न धातुओं के मिश्रण (कास्टिंग अलॉय) को घंटे के आकार में ढालकर दुनिया की सबसे बड़े घंटे को आकार दिया जाएगा.


घंटे को बजाने के लिए 400 किलो की रिंग चेन
घंटे को बजाने के लिए दुनिया की सबसे लंबी साढ़े छह मीटर की 400 किलो वजनी ज्वाइंटलेस रिंग चेन भी तैयार की जाएगी. इसकी विशेषता यह होगी कि घंटा बजाते समय चेन अलग से आवाज नहीं करेगी. ऐसे में घंटे की आवाज की गुणवत्ता में सुधार होगा और ये पास खड़े लोगों को भी अच्छी लगेगी. घंटे की गूंज आठ किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी. यह दोनों चीजें दो विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रही हैं.


बनाने में लगेंगे महज 15 मिनट 
घंटा बनाने वाले स्टील मैन ऑफ इंडिया के नाम से विख्यात इंजीनियर देवेन्द्र कुमार आर्य ने बताया कि घंटे को महज 15 मिनट के भीतर ही ढालना होगा. ऐसे में 2200 किलो धातुओं को एक साथ ढालने के लिए 35 विशेष भट्टियां बनाई गई हैं. इसमें गलायी गई धातुओं को चार विशेष पात्रों से सांचे तक पहुंचाया जाएगा, जिनकी टेस्टिंग कर ली गई है.


5000 साल तक कुछ नहीं बिगड़ेगा
अगले महीने घंटे की ढलाई के लिए तैयारियां की जा रही हैं. तैयार घंटा सुनहरे रंग का नजर आएगा, जो वक्त के साथ और चमकीला होता जाएगा. यह इतना मजबूत होगा कि पांच हजार साल तक भी इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा. उन्होंने बताया कि अभी तक दुनिया का सबसे बड़ा घंटा रूस और चीन में है. रूस में घंटा बनाते समय टूट गया था. ऐसे में यहां टूटा घंटा ही प्रदर्शित किया गया है.


दोनों घंटे 6 गुणा 6 डायमीटर के हैं. कोटा का घंटा सवा नौ मीटर ऊंचा, साढ़े आठ मीटर चौड़ा और करीब 75 हजार किलो वजनी होगी. कोटा में बनने वाला यह घंटा दुनिया का सबसे बड़ा घंटा होगा.


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