(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Goodbye 2022: साल 2022 की वो घटनाएं, जिनके चलते सुर्खियों में रहा राजस्थान का भरतपुर
Year Ender 2022: भरतपुर संभाव के करौली में 2 अप्रैल को नव संवत्सर के उपलक्ष्य में निकाली गई बाइक रैली पर पथराव के चलते अफरा-तफरी मच गई थी. इस हिंसा में 35 लोग जख्मी हुए थे.
Yearender 2022: राजस्थान के भरतपुर में वर्ष 2022 को अलविदा और वर्ष 2023 का जश्न के साथ स्वागत की तैयारी की जा रही है. साल के जाते-जाते आज हम वर्ष 2022 में भरतपुर में हुईं कुछ ऐसी घटनाओं का जिक्र करेंगे जिन्हें आसानी से भुलाया नहीं जा सकता. इन घटनाओं की वजह से भरतपुर (Bharatpur) पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा.
करौली जिले में पथराव व आगजनी
भरतपुर संभाग के करौली जिले में 2 अप्रैल को नव संवत्सर के उपलक्ष्य में निकाली गई बाइक रैली पर पथराव के चलते बाजार में अफरा-तफरी मच गई थी और व्यापारियों ने आनन-फानन में दुकानें बंद कर दी थी. इस दौरान कुछ लोगों ने 6 से ज्यादा दुकानों और दो बाइक को आग के हवाले कर दिया. इस हिंसा में लगभग 35 लोग जख्मी हुए थे. पथराव और उसके बाद आगजनी की घटना से पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव को लेकर प्रशासन द्वारा इंटरनेट को बंद कर कर्फ्यू लगाया गया था.
12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर हाईवे जाम
भरतपुर जिले के अरौदा गांव के पास 12 जून को राजस्थान में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर कुशवाह माली मौर्य समाज के लोगों ने महापंचायत के बाद जयपुर- आगरा नेशनल हाईवे जाम कर दिया था. कुशवाह माली मौर्य समाज के लोगों ने आरक्षण की मांग को लेकर पहले महापंचायत की थी. महापंचायत को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था जिससे कानून व्यवस्था बनाई रखी जा सके. मौके पर सभी अधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था लेकिन महापंचायत खत्म होने से पहले ही समाज के युवा और बुजुर्ग हजारों की संख्या में लाठियां लेकर हाईवे पर पहुंच गए और जाम लगा दिया था.
अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं का विरोध
17 जून को केंद्र सरकार की भारतीय सेना में अग्निवीर योजना को लागू करने के विरोध में आर्मी में जाने की तैयारी करने वाले सैकड़ों युवाओं ने भरतपुर के रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर हंगामा खड़ा किया था. प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने जयपुर-आगरा रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया था. रेलवे ट्रेक पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं और पुलिस में आपस में झड़प हो गई थी. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया जिसमें कई पुलिसकर्मियों को चोट भी लगी थी. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाई थीं.
खनन का विरोध करने को लेकर साधु द्वारा आत्मदाह
ब्रज क्षेत्र की पहाड़ियों से खनन कार्य को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग को लेकर भरतपुर जिले के डीग तहसीलके पसोपा गांव में 550 दिनों से जारी साधु-संतों के धरने के दौरान 20 जुलाई को संत नारायण दास नाराज होकर मोबाइल टावर पर चढ़ गए थे. वहीं मांग नहीं माने जाने पर बाबा हरिबोल दास ने आत्मदाह की भी चेतावनी दे रखी थी.
कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के आश्वासन के बाद साधु-संतों का एक डेलिगेशन वार्ता के बाद सहमत हो गया था. इसके बावजूद संत नारायण दास मोबाइल टावर पर चढ़ गए तो वहीं एक दूसरे साधु विजयदास ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली थी. बाबा की हालत गंभीर होने और साधुओं के आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने डीग, नगर, कामा, पहाड़ी और सीकरी तहसीलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दी थी.
साधु विजय दास के आत्मदाह करने के बाद सियासत भी तेज हो गई थी. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जांच कमिटी बनाकर कर क्षेत्र में जांच के लिए भेजी थी. इस दौरान प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, केन्द्रीय जलसंसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अलवर सांसद बाबा बालक नाथ, सीकर सांसद सुमेधानंद, सवाईमाधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, भरतपुर सांसद रंजीता कोली मौके पर पहुचे और बाबा विजय दस को पुष्पार्पित कर श्रद्धांजलि दी थी.
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