(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Year Ender 2023: मेवाड़ के लिए राजनीतिक सरगर्मी वाला साल रहा 2023, असम को दिया राज्यपाल, जानें क्या-क्या हुआ
Udaipur Flashback 2023: साल 2023 कुछ दिनों में बीतने वाला है. साल 2023 मेवाड़ के लिए कई मायनों में खास रहा है. यहां की आदिवासी पार्टी और राजघराने की राजनीति में एंट्री चर्चा में रही.
Udaipur News: मेवाड़ के लिए 2023 चुनावी साल रहा जिसमें कई राजनीतिक उठापटक हुई. मेवाड़ में चुनाव से पहले बीजेपी को झटके भी सहने पड़े, वहीं मेवाड़ ने असम को राज्यपाल दिया तो पहली बार चुनावी मैदान में उतरी आदिवासी पार्टी ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंकाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, (Narendra Modi) अमित शाह (Amit Shah), सीएम योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी सहित कई दिग्गज नेताओं ने दौरा किया.
मेवाड़ के लिए वर्ष 2023 की सबसे बड़ी याद असम को राज्यपाल देने की है. मेवाड़ सहित राजस्थान में बीजेपी के दिग्गज नेता रहे गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया. चुनावी साल में सभी तैयारी में जुटे थे कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में मेवाड़ के लिए चौंकाने वाली खबर आई. खबर थी कि उदयपुर शहर सीट से लगातार 4 बार विधायक रहे पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया असम के राज्यपाल होंगे. फिर उन्होंने राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया. उनके यहां से जाने के बाद बीजेपी में अंदरूनी जंग छिड़ी कि उनकी जगह कौन लेगा. कई कयास लगाए गए. कई नेताओं के नाम भी सामने आए. चुनाव के अंतिम पड़ाव में टिकट की घोषणा हुई जिसमें ताराचंद जैन को प्रत्याशी बनाया और वह जीतें.
आदिवासी पार्टी के प्रदर्शन से हिली बीजेपी और कांग्रेस
मेवाड़ में हमेशा से बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर रही लेकिन चुनावी मैदान में एक ऐसी आदिवासी पार्टी उतरी जिसके प्रदर्शन ने दोनों को अंदर से हिला दिया. इसकी शुरुआत पिछले चुनाव से हुई. दरअसल 2018 के चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने वागड़ में कदम रखा. कुछ हद तक अच्छा प्रदर्शन रहा जिसमें 2 सीटें जीती. हालांकि इसके बाद पार्टी में दरार आ गई. 2023 के चुनाव में साल की शुरुआत में भारतीय ट्राइबल पार्टी टूट गई. जीते हुए दोनों विधायक ने आदिवासी समाज संगठन के साथ मिलकर कुछ महीने बाद भारत आदिवासी पार्टी बनाई. इसके बाद 17 से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे. पार्टी ने वागड़ की 11 में से 3 सीटों पर विजय प्राप्त की लेकिन चौंकाया तब जब वोट शेयर का डेटा सामने आया. कई सीटों पर यह पार्टी दूसरे नंबर पर रही.
मेवाड़ राजघराने की एंट्री
इसी चुनाव में हैरान करने वाला फैसला सीटों की घोषणा के समय देखने को मिला. इसमें मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ की राजनीति में एंट्री हुई और उन्हें बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया. वहीं, विश्वराज सिंह मेवाड़ के चचेरे भाई लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के चुनाव लड़ने की अटकलें चल रही थीं लेकिन नाम विश्वराज सिंह मेवाड़ का आया. यहीं नहीं मेवाड़ की राजधानी रहे चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी को चुनाव से ठीक पहले झटका मिला. यहां से बीजेपी के लगातार दो बार के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट नरपत सिंह राजवी को प्रत्याशी घोषित किया. आक्या ने बगावत की और निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत गए.
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