रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड स्थित तप्तकुंड का निर्माण गौरी गांव के ग्रामीणों ने श्रमदान से लगभग पूरा कर लिया है. जिससे आगामी यात्रा सीजन में अब यात्री कुंड में स्नान कर सकेंगे. वहीं केदारनाथ आपदा के आठ वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी सरकार की ओर से कुंड का निर्माण न होने पर रोष जताया है.


वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के चलते गौरीकुंड स्थित तप्तकुंड भी पूरी तरह तबाह हो गया था. कुंड में स्नान के बाद ही भक्तों के केदारनाथ यात्रा पर जाने की परंपरा है, लेकिन आपदा के समय तप्तकुंड पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के साथ ही इसका पानी का स्रोत चालीस मीटर नीचे मंदाकिनी नदी के तट पर चला गया था.


ग्रामीणों ने कच्चा तप्तकुंड तैयार कर दिया है


गौरी गांव के ग्रामीण लंबे समय से सरकार से इस कुंड के निर्माण की मांग करते आ रहे हैं. पूर्व में सरकार ने वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी को इसके निर्माण का जिम्मा दिया, लेकिन धनराशि अवमुक्त न होने के कारण इसका कार्य आधा अधूरा ही छूट गया.


गत मार्च के द्वितीय सप्ताह से गौरी गांव के लोगों ने गौरीकुंड में तप्तकुंड का निर्माण कार्य श्रमदान से करने का निर्णय लिया. ग्रामीणों ने कच्चा तप्तकुंड तैयार कर दिया है. ऐसे में आगामी यात्रा में यात्री यहां पर स्नान कर केदारनाथ दर्शनाओं के लिए जा सकेंगे.सरकार और शासन-प्रशासन का ध्यान सिर्फ केदारनाथ धाम पर है


सरकार और शासन-प्रशासन का ध्यान सिर्फ केदारनाथ धाम पर है- ग्रामीण


ग्रामीणों ने बताया कि गौरी गांव के सहयोग से गौरीकुंड में तप्तकुंड के लिए श्रमदान किया गया. जिसके बाद यहां कुंड तैयार किया गया. आगामी यात्रा सीजन में यात्री यहां पर स्नान कर सकेंगे. सरकार और शासन-प्रशासन का ध्यान सिर्फ केदारनाथ धाम पर है. जबकि केदार यात्रा के अहम पड़ावों पर कोई भी कार्य नहीं किये जा रहे हैं.


सरकार को यह नहीं मालूम कि केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को इन्हीं पड़ावों से होकर गुजरना पड़ेगा. केदार यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुण्ड की अनदेखी की जा रही है. यहां पर आपदा के बाद कोई भी कार्य नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान भी गौरीकुण्ड में पानी की समस्या बनी रहती है, जिस कारण यात्रियों को भारी कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है.


तप्तकुंड में चैजिंग रूम से लेकर अन्य कई प्रकार की सुविधाएं होंगी- जिलाधिकारी


इसके अलावा तप्तकुंड का निर्माण न होने के कारण भी यात्री खासे परेशान रहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को यात्रा पड़ावों की ओर भी ध्यान देना चाहिए. तप्तकुंड निर्माण को लेकर जिलाधिकारी मनुज गोयल का कहना है कि गढ़वाल मण्डल विकास निगम की ओर से तप्तकुंड का निर्माण किया जा रहा है. तप्तकुंड में चैजिंग रूम, शौचालय का निर्माण भी हो रहा है, जिससे आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी.


ऐसे में लगता है कि जिलाधिकारी महोदय को केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड की कोई जानकारी ही नहीं है. तप्तकुंड का निर्माण कार्य वुड स्टोन कंपनी को दिया गया है और कंपनी ने धनराशि न मिलने के कारण कार्य रोक दिया है, जिस कारण गौरीकुण्ड में श्रमदान से ग्रामीण निर्माण कर चुके हैं.


यह भी पढ़ें.


परमबीर सिंह के आरोपों की जांच के लिए उद्धव सरकार ने गठित की कमेटी, गृह मंत्री अनिल देशमुख हैं घेरे में