प्लाजमा डोनेट करने के लिये सहारनपुर कमिश्नर की अनोखी पहल, 'कॉफी विद कमिश्नर' से डोनर को करेंगे प्रेरित
सहारनपुर में कोरोना का व्यापक असर देखने को मिला है. जिले में ठीक हो चुके कोरोना संक्रमित लोगों को प्लाजमा डोनेट करने लिये यहां कमिश्नर ने अनोखी मुहिम चलाई है. पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट.
सहारनपुर. करण जौहर के मशहूर शो कॉफी विद करण को तो आपने देखा ही होगा, इस शो से हर कोई परिचित है. एक ऐसी ही पहल सहारनपुर मंडल के मंडलायुक्त संजय कुमार करने जा रहे हैं. कॉफी विद कमिश्नर... अंतर इतना है कि कॉफी विद करण में मशहूर फिल्मी हस्तियों से रूबरू होते थे और मंडल आयुक्त सहारनपुर कॉफी विद कमिश्नर में रूबरू होंगे, प्लाज्मा डोनर से. जी हां, कोरोना संक्रमण को मात दे चुके वह लोग जो अब दूसरे कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों की जान बचा सकते हैं, केवल अपना प्लाज्मा डोनेट कर ऐसे ही लोगों को प्रोत्साहित करने, ऐसे दानदाताओं का अभिनंदन करने के लिए कमिश्नर ने यह एक नई पहल शुरू की है.
इस तरह होगा आयोजन
वह शख्स को अपने कार्यालय में बुलाएंगे और उनके साथ कॉफी पिएंगे, साथ ही उनको एक प्रशस्ति पत्र भी देंगे. इतना ही नहीं, इन डोनर्स को बाकायदा प्रशासन की ओर से गाड़ी भेज कर घर से बुलाया जाएगा और घर तक बाद में छुड़वाया भी जाएगा. कोरोना संक्रमण से इस दौर में हर कोई सहमा हुआ है, हर कोई डरा हुआ है. लगभग 40,00000 से भी ज्यादा आबादी वाले सहारनपुर जनपद में कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े छह हजार के लगभग पहुंच गई है.
जबकि अभी तक 86 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में कोरोना के इलाज में प्लाजमा थेरेपी बड़ी कारगर साबित हो रही है. क्योंकि इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. लेकिन अफसोस जिले में प्लाज्मा डोनर ही नहीं मिल रहा है. लगातार हो रही मौत से आहत कमिश्नर संजय कुमार ने इस अनोखी पहल की शुरुआत की है.
स्कूल दोस्त ने दी सलाह
कमिश्नर ने बताया कि यह ख्याल, उन्हें अपने स्कूल के दोस्त जो कि अब डॉक्टर हैं, से बात करने के बाद आया. उसके बाद उन्होंने यहां पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएस सोढ़ी से बात की और इस प्लाज्मा थेरेपी के बारे में विस्तृत जानकारी ली. इतना ही नहीं, यह भी जाना यह थैरेपी कितनी सुरक्षित है और कितनी नहीं. कमिश्नर ने बताया कि जैसे ही डोनर मिलेगा यह उनके लिए बेहद सुखद बात होगी.
उनका इस पहल को शुरु करने का उद्देश्य यही है कि सहारनपुर में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों को रोका जाए, इसलिए उन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने वाले दानवीरों का उत्साह बढ़ाने और उन्हें देखकर अन्य लोग प्रेरित हो, प्लाज्मा डोनेट करने की इच्छा को लेकर संपर्क करें, इसके लिए कॉफी विद कमिश्नर की व्यवस्था की है.
मरीजों की जान बचाई जा सकेगी
इस व्यवस्था में वह स्वयं अपने साथ कॉफी पीने का अवसर देंगे, कमिश्नर संजय कुमार का मानना है, इससे लोगों में जागरुकता आएगी और कोरोना की चपेट में आने वाले मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकेगी. कमिश्नर संजय कुमार ने बताया कि लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों, ज्यादा से ज्यादा डोनेट करें, इसके लिए जो लोग कोरोना को मात दे चुके हैं, उनकी काउंसलिंग भी कराई जाएगी. ताकि प्लाज्मा डोनेट को लेकर उनके मन या दिमाग में कोई भी गलतफहमी या पूर्वाग्रह हो तो उसे दूर किया जा सके. इसके लिए उनके पास जो लोग ठीक हो चुके हैं, उनके नाम पता और नंबर सभी हैं और इसके लिए उन्होंने एक प्रशासनिक अधिकारी, एक न्यायिक अधिकारी और एक चिकित्सक की एक टीम बनाई है.
जो लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए काउंसलिंग भी करेंगे और उन्हें इसकी विस्तृत रूप से जानकारी भी देंगे. इतना ही नहीं उन्हें हर तरह की सुविधा मुहैया कराना भी प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. कमिश्नर ने बताया कि उन्हें उम्मीद है उनकी इस पहल से निश्चित रूप से लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएंगे.
प्लाजमा डोनेट करने में किसी तरह की नहीं होता है दिक्कत
इस बारे में जब हमने ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ वीरेंद्र कुमार दत्त से बात की तो उन्होंने बताया कि प्लाज्मा डोनेट करने के लिए किसी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता और ना ही कोई कमजोरी आती है. जो व्यक्ति कोरोना को मात देकर आ चुका हो और उसे ठीक हुए 17 दिन हो गए हो, वह व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट कर सकता है.
प्लाज्मा डोनेट करने के लिए किसी ऑपरेशन या किसी कट की जरूरत नहीं है. जैसे ब्लड डोनेट किया जाता है वैसे ही प्लाज्मा डोनेट किया जाएगा और एक हफ्ते के आराम के बाद व्यक्ति अपने सभी काम कर सकता है. उसे किसी भी तरह की अस्वस्थता महसूस नहीं होगी. वह पूर्ण रूप से स्वस्थ होगा अगर किसी को कोई गलतफहमी है तो वह इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकता है.
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