लखनऊ: समाजवादी पार्टी के एमएलसी चुनाव के दोनों उम्मीदवार कल सुबह 11 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे. समाजवादी पार्टी ने एमएलसी चुनाव के लिए दो उम्मीदवार अहमद हसन और राजेन्द्र चौधरी को मैदान में उतारा है. जिनमें से अहमद हसन वर्तमान में भी MLC हैं और विधान परिषद में नेता विरोधी दल है. अखिलेश यादव ने जीत की रणनीति तय करने के लिए आज भी पार्टी दफ्तर पर विधायकों की बैठक बुलाई थी जिसमें वरीयता क्रम करते हुए आज विधायकों ने उम्मीदवारों के पर्चे पर हस्ताक्षर किए.

समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद के चुनाव को अपना दूसरा उम्मीदवार उतारकर काफी दिलचस्प बना दिया है. समाजवादी पार्टी के पास वैसे तो संख्या बल के लिहाज से एक विधान परिषद सदस्य को जिताने के नंबर हैं, लेकिन दूसरे सियासी दलों के भरोसे और कुछ बागियों के सहारे समाजवादी पार्टी ने दूसरा भी उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. पार्टी दफ्तर पर आज अखिलेश यादव ने जब विधायकों की बैठक बुलाई तो उसमें जीत की रणनीति को लेकर चर्चा की साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने अपना जो दूसरा उम्मीदवार उतारा है वह भी चुनाव में जीत हासिल करेगा.


सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने अपने दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए जो सियासी गुणा गणित तैयार किया है उसमें पहली वरीयता के 31 वोट देने के बाद सपा के अपने 15 विधायक बचते हैं और बाकी बचे वोटों के लिए सपा की रणनीति के मुताबिक अब बसपा के 8 विधायक उसे सपोर्ट करेंगे, जबकि ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा के 4 विधायक उसे सपोर्ट कर सकते हैं.


इसके अलावा समाजवादी पार्टी कांग्रेस के 5 विधायकों का वोट भी अपने खाते में जोड़कर चल रही है. साथ ही बीजेपी विधायक और 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ज्वाइन करने वाले विधायक अवतार सिंह भड़ाना का वोट सपा अपने कोटे में गिन रही है. इस तरह उसके कुल वोट 33 हो जाते हैं जो सपा के दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए काफी हैं.


कल जब सपा के दोनों उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल करेंगे उस वक्त अखिलेश यादव पार्टी विधायकों के साथ विधान परिषद में मौजूद रहेंगे पार्टी के विधायकों ने भी दावा किया कि उनके दोनों उम्मीदवार इस चुनाव में जीत हासिल करेंगे.


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