देश के कई राज्यों में हुए उपचुनाव में कई सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में तो पार्टी को एक भी सीट पर विजय नहीं मिली. वहीं इस हार पर संयुक्त किसान मोर्चा ने बीजेपी पर तंस कसते हुए इसे किसान आंदोलन की सफलता बताया है. साथ ही बीजेपी को ये चेतावनी दी है कि अगर सरकार अपनी नीतियां जनता के हिसाब से नहीं बनाती है तो आगे भी ऐसे नतीजों का सामना करना पड़ेगा.
'आगे भी झेलना होगा नुकसान'
हाल ही में 14 राज्यों की 30 विधानसभा सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में खासतौर पर हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में जहां किसान आंदोलन ने बीजेपी के खिलाफ प्रचार किया वहां बीजेपी को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. राजस्थान में बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली सीट भी पार्टी नहीं बचा पाई.
'खट्टर सरकार को घेरा'
किसान मोर्चा ने बीजेपी की की सीटों पर मिली हार के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को भी घेरा है. मोर्चा की तरफ से कहा गया कि "मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि बातचीत ही किसी भी आंदोलन और किसानों के संघर्ष का हल है. मगर यह बीजेपी के पाखंड को दिखाता है जो प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने को राजी नहीं है."
'आंदोलन को दबाने का किया प्रयास'
"सयुंक्त किसान मोर्चा ने बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "बातची का अंतिम दौर 22 जनवरी 2021 को समाप्त हुआ था. इसके बाद सरकार ने बातचीत को फिर से शुरू करने से मना कर दिया है. इस बीच खट्टर समेत कई बीजेपी नेताओं ने किसानों के खिलाफ बयानबाजी भी की और हर तरीके से आंदोलन को दबाने का प्रयास किया."
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