(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सिद्धार्थनगरः इस रामभक्त ने अब तक साढ़े 5 लाख से ज्यादा बार लिखा राम का नाम
सिद्धार्थनगर में सेवानिवृत्त शिक्षक अब तक साढ़े लाख से ज्यादा बार राम नाम लिख चुके हैं.
सिद्धार्थनगर, एबीपी गंगा। भगवान राम के अयोध्या में मन्दिर निर्माण के लिए हर राम भक्त ने अपने अपने तरीके से प्रण कर रखा था. आज हम आपको एक ऐसे ही राम भक्त को दिखाने जा रहे हैं. जिन्होंने करीब 5 लाख 50 हजार बार राम नाम लिखने का अब तक काम किया है. सिद्धार्थनगर जिले के एक रिटायर शिक्षक जो राम के असीम भक्त हैं और ये 1992 से राम नाम की लेखनी लिख रहे है.
70 वर्षीय सेवा निवृत्त शिक्षक राम लखन, सदर ब्लॉक के कोडराग्रन्ट गांव के बरगदवा टोले के निवासी हैं. 'राम नाम को अंक है, सब साधन रहे है सून, अंक गए कछु हाथ नहीं, अंक रहे दस गून' ये सेवानिवृत्त शिक्षक अपनी अनोखी साधना को कुछ ऐसे ही अंको के साथ कई गुना करने में जुटे हैं. अपने नाम में भगवान राम का अंश होने के अनुरूप रामलखन विश्वकर्मा की प्रभु राम के प्रति अटूट आस्था देखने को मिल रही है.
विवादित ढांचे के बाद शुरू किया था नाम लिखना इन्होंने 6 दिसम्बर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने के बाद से राम मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर अपने प्रभु राम के नाम की लेखनी शुरू की है. शिक्षक पद के दायित्व के साथ साथ 6 दिसम्बर 1992 से जुलाई 2011 तक अयोध्या में महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई में रामनाम खाता से पुस्तिका प्राप्त की. जिसमें 2 लाख बार श्रीराम नाम लिखा. सेवानिवृत्त होने के बाद उस पुस्तिका को जमा कर दिया और अपनी लेखनी को और तेज कर दिया.
रिटायर होने के बाद से साढ़े लाख बार लिख चुके हैं नाम सेवानिवृत्त होने के बाद से अब तक 3 लाख 50 हजार बार श्रीराम का नाम चुके हैं. इनका कहना है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के संकल्प को लेकर राम नाम लिखने की शुरुआत की थी. बीते 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शिलान्यास होने पर काफी ख़ुशी मिली. भविष्य में भव्य राम मंदिर देखने का सपना है और अब राम नाम लिखने का कार्य अंतिम सास तक जारी रखेंगे.
वहीं, सेवानिवृत्त शिक्षक के बेटे ने बताया कि 1992 के पहले भी पिता जी अयोध्या जाया करते थे लेकिन जब विवादित ढांचा गिरा, उसके बाद से ही भगवान राम की कृपा हुई और इन्होंने रामनाम की लेखनी लिखना शुरू किया. जो आज भी जारी है और हम लोग चाहते भी हैं कि पिता जी भगवान राम के बारे लिखे उनके नाम को लिखते रहें.
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