संभल: अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर का शिलान्यास करने को लेकर समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने गैर कानून करार किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा की सत्ता और हिंदुत्व के बल पर इन्होंने अदालत में जज रंजन गोगोई से दबाव में फैसला लिखवा लिया. और फिर उन्हें राज्य सभा का सांसद बना दिया. फैसला सत्ता से प्रभावित हुआ है. इन्होने वहां भले मंदिर बना लिया है लेकिन मुसलमानो की नज़र में वो मस्जिद की जगह है.


एसपी सांसद ने कहा की इस फैसले में हिन्तुत्व की जीत हुई है, लेकिन लोकतंत्र की हार हुई है. जो लोग लोकतंत्र में विश्वास करते है वो इस फैसले को गलत मान रहे है. ताकत के बल बूते पर ये काम हुआ है. हम ये मानते हैं इस मामले में हमारे साथ ना इंसाफी हुई है. भले फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया हो, लेकिन ये देख लीजिए दबाव बना कर फैसला लिखवा लेने के बाद रंजन गोगोई को राज्य सभा का सदस्य बना दिया.


इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के अंदर भी मुझे हक बात कहने का अधिकार है और मुझे कभी भी मुलायम सिंह यादव या अखिलेश ने मना नहीं किया है. मुझे उम्मीद है की इस मुद्दे पर अखिलेश यादव भी हमारा साथ देंगे. मुस्लमान सब्र से काम ले रहे है लेकिन हम सही बात कह सकते है ये कोई जुर्म नहीं है.


डॉ बर्क ने कहा की मुसलमान इस देश में अल्लाह के भरोसे पर जिंदा हैं किसी मोदी योगी के सहारे जिंदा नहीं है. बाबरी मस्जिद जहां थी वहां है और हमेशा रहेगी ये इस्लाम का कानून है. बीजेपी की सरकार जो कुछ भी कर रही है उस पर मुसलामन सब्र कर रहा है. शिलन्यास करना लोकतंत्र का क़त्ल करना है. अब देखना ये होगा की समाजवादी पार्टी अपने सांसद के इस बयान का समर्थन करती है या नहीं.


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