रविवार की सीडब्ल्यूसी की बैठक में गांधी परिवार के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करने वाले कांग्रेस के वफादार नेताओं में शामिल दो नेताओं के सुर अब बदले-बदले सुनाई दे रहे हैं.जहां पंजाब के पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) को "एक जिम्मेदारी" घोषित किया तो वहीं उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) ने दावा किया कि वह चुनाव इसलिए हार गए क्योंकि उन्हें गलत सीट से चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया था.


जाखड़ ने कांग्रेस नेता अंबिका सोनी पर साधा निशाना


जाखड़ ने ट्विटर पर पार्टी की दिग्गज नेता अंबिका सोनी पर हमला बोलते हुए कहा कि, “ चन्नी उनके लिए संपत्ति हो सकते हैं लेकिन पार्टी के लिए वह केवल एक दायित्व रहे हैं. शीर्ष नेतृत्व नहीं, बल्कि उनके अपने लालच ने उन्हें और पार्टी को नीचे खींच लिया.” दरअसल सोनी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पार्टी की संपत्ति थे लेकिन स्थानीय नेताओं ने उनकी टांग खिचाई की जिसके कांग्रेस को पंजाब में हार का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं जाखड़ ने हेडलाइन के साथ चन्नी की एक तस्वीर भी ट्वीट की है. जिस पर लिखा है, “ईडी ने चन्नी के भतीजे से 10 करोड़ रुपये जब्त किए, सीएम रोते-बिलखते रहे."


हरीश रावत ने कहा कि वह रामनगर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे


इधर उत्तराखंड में, हरीश रावत ने लालकुआं में अपनी हार के बाद पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी का सामना करने की अटकलों का जवाब देते हुए फेसबुक पर पोस्ट किया कि वह इसके बजाय रामनगर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. हरीश रावत ने एक मुस्लिम विश्वविद्यालय खोलने का वादा करने के बाद अकील अहमद को पार्टी सचिव के रूप में पदोन्नत करने के कांग्रेस के फैसले पर अपनी नाराजगी का कोई रहस्य नहीं बनाया, उन्होंने इसे "एक ऐसा मामला जिसकी जांच की जरूरत है" करार दिया.


Punjab Weather Forecast: पंजाब में गर्मी ने परेशान करना किया शुरू, तापमान भी दिखा रहा तेवर, जानें- मौसम का हर अपडेट


कांग्रेस के भीतर मचा है घमासान


वहीं पंजाब में जाखड़ के ट्विट के बाद साफ हो गया है कि कांग्रेस के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा है.वहीं टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक  जाखड़ ने कहा कि वह शुरू से उन्होंने चन्नी को सीएम बनाए जाने के विचार का विरोध किया था. जाखड़ ने कहा, “मुझे राहुल गांधी के साथ चंडीगढ़ से दिल्ली की यात्रा करने का मौका मिला. अगले दिन, उन्होंने मुझे फोन किया और मुझे चन्नी के मंत्रिमंडल में उनके डिप्टी के रूप में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन मैंने मना कर दिया. मैंने कहा कि मैं चन्नी को अपने नेता के रूप में स्वीकार नहीं कर सकता ... आज, मैं इस पर और अधिक दबाव न डालने के लिए दोषी महसूस करता हूं. मुझे उन्हें (राहुल) समझाने की कोशिश करनी चाहिए थी कि यह आदमी (चन्नी) फिट नहीं है.


ये भी पढ़ें


Petrol Diesel Price Today: दिल्ली, यूपी, एमपी, बिहार, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में आज पेट्रोल-डीजल कितना हुआ महंगा, यहां करें चेक