पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार अदृश्य होने का आरोप लगा रहे हैं. आज तेजस्वी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री इस गंभीर आपदाकाल में भी 4 महीने से अदृश्य है. इस निर्दयी सरकार ने छात्रों, मज़दूरों, मरीज़ों, ग़रीबों और आम आदमी को मुसीबत के बीच छोड़ दिया.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नैतिकता, मर्यादा, ज़िम्मेवारी और अंतरात्मा को त्याग 128 दिनों से अपने आलीशान बंगले में बैठे जातीय गुणा-भाग में लगे हैं ताकि उनकी कुर्सी की सेहत को कोई फर्क ना पड़े. लोग मरे तो मरे. इस संकटकाल में मुख्यमंत्री की निष्क्रियता अतिचिंतनीय विषय है.
जब नीतीश कुमार ने किया पलटवार
बात 9 जून की है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार जेडीयू की वर्चुवल रैली कर अपने कार्यकर्ताओं औऱ नेताओं से बात कर रहे थे. उसी दरम्यान उन्होंने पहली बार तेजस्वी का नाम लिए बगैर बिहार से बाहर रहने और बयानबाज़ी करने का आरोप लगा दिया. नीतीश कुमार ने कहा था कि खुद कहा रहते हैं ये पता नहीं है. पार्टी के लोगों को भी पता नहीं है. बस बयानबाजी करने की आदत है.
नीतीश कुमार के इस पलटवार के बाद जेडीयू और बीजेपी के नेताओं को ताकत मिली औऱ फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. तेजस्वी पर प्रवक्ताओं ने ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया. लॉकडाउन खत्म होते ही तेजस्वी दिल्ली से पटना लौट आए औऱ फिर तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर भी पलटवार करना शुरू कर दिया.
अनलॉक वन में नीतीश कुमार पहली बार सीएम हाउस से निकले औऱ 15 जून को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 72वीं समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने गए. 19 जून को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए पाटलिपुत्र खेल परिसर, कंकड़बाग में बनाए गए 100 बेडों वाले कोविड-19 उपचार केंद्र का निरीक्षण किया. 24 जून को दरभंगा और मधुबनी गए थे. मधुबनी जिला अंतर्गत जयनगर तटबंध, कमला वियर प्वाइंट एवं नरुवार तटबंध का निरीक्षण किया. दरभंगा हवाई अड्डा निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और हवाई पट्टी एवं टर्मिनल भवन के बचे हुए कार्य को तीव्र गति से पूरा करने का निर्देश दिया. इस बीच जब भी कैबिनेट की बैठक हुई उसमें भी हिस्सा लेते रहे.
25 जून को एनडीए के एमएलसी के नामांकन में शामिल हुए थे.1 जुलाई को बिहार विधान परिषद के नव निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में गए थे. 3 जुलाई को आखिरी बार कैबिनेट की बैठक हुई थी. बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के कोरोना पॉजिटिव आने बाद नीतीश कुमार ने भी अपना कोविड-19 टेस्ट कराया. हालांकि नीतीश कुमार का खुद तो निगेटिव पाए गए उनकी भतीजी पॉजिटिव पाई गईं.
जेडीयू ने तेजस्वी यादव पर साधा निशाना
जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन कहते हैं कि दो तीन अवसरों पर सार्वजनिक जीवन में तेजस्वी यादव हाल के दिनों में दिखे हैं और इन सभी अवसर पर उन्होंने क्या दृश्य उपस्थित किया है ये बिहार की जनता जानती हैं. स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी चीजों को खुद व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री मॉनिटर कर रहे हैं. बाढ़ राबड़ी देवी और लालू प्रसाद के शासन को भी देखा है. नीतीश कुमार के समय ही नहीं आया है.
तेजस्वी यादव को गुड गवर्नेंस की समझ नहीं- निखिल आनंद
वहीं बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनन्द कहते हैं कि तेजस्वी यादव को गुड गवर्नेंस समझ नहीं आता है. तेजस्वी यादव जिस तरह से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं और लगातार बिहार में दौरे पर हैं, लॉकडाउन का उलंघन कर रहे हैं. वे सुर्खियां बटोरने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. अब वो बेसिक तौर पर पप्पू यादव से कंपटीशन कर रहे हैं. अब तो हमलोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस में लेना भी छोड़ दिया है. चूँकि उनमें इतनी नकारात्मकता भर गई है कि वो एक विपक्ष के नेता के तौर पर भी अपनी हैसियत खो चुके हैं.
हालांकि तेजस्वी यादव न सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ही नहीं बल्कि उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत एनडीए के तमाम सांसदों और नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों को भी लपेटे में लिया. तेजस्वी ने कहा कि एनडीए के 39 लोकसभा सांसद क्षेत्रों से ग़ायब है. सरकार के कोई भी प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में नहीं गए. मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल नदारद है. बाढ़ की विभीषिका में जल संसाधन मंत्री का कुछ अता-पता नहीं और ना ही स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्री का पता है.
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