Property Crime: अक्सर ऐसे विवाद सामने आते रहते हैं, जिसमें प्रॉपर्टी (Property) बेचने वाला अपनी संपत्ति को बेचने का सौदा तो कर देता है लेकिन बाद में रजिस्ट्री करने से इनकार कर देता है. ऐसे में खरीदार को दर-दर भटकना पड़ता है. खरीदार की जीवनभर की कमाई कुछ फ्रॉड लोग हड़प लेते हैं. मगर ऐसी परिस्थिति में भारतीय कानून खरीदारों के अधिकारों की रक्षा करता है. हम आपको बता रहे हैं कि प्रॉपर्टी खरीदार के क्या अधिकार होते हैं.
आपराधिक कानून
धारा 420: यह धारा किसी व्यक्ति के साथ धोखा किए जाने पर लागू होती है. इस धारा के अंतर्गत अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी व्यक्ति को धोखे और छल से उसकी प्रॉपर्टी को हड़पा जाता है.
धारा 406: यह धारा अमानत में खयानत (विश्वासघात) से संबंधित है. इसमें किसी व्यक्ति के साथ अगर धोखे के माध्यम से विश्वासघात किया जाता है, तब दंड का प्रावधान किया गया है. थाने में धारा 420 के साथ धारा 406 का भी समावेश किया जाता है. यह संज्ञेय अपराध (Cognisable Offence) है.
क्या हो सकती है सजा
प्रॉपर्टी बेचने में धोखा देने के दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को एक लंबे समय का कारावास हो सकता है. इस धारा के अंतर्गत 3 साल के दंड के कारावास का प्रावधान किया गया है. लेकिन धारा 420 के अंतर्गत 7 साल तक की कैद हो सकती है. प्रॉपर्टी बेचने वाले अगर फ्रॉड करते हैं तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए.
कोर्ट में शिकायत
अगर पुलिस द्वारा इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है और आरोपी पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता है. तब ऐसे में पीड़ित पक्षकार कोर्ट में भी अपनी शिकायत दे सकते हैं. तो अगर आप कहीं भी प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं तो इस सभी बातों और कानून की जानकारी ले लें. इससे आप किसी गंभीर फ्रॉड से बच सकते हैं.
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