कुलदीप सेंगर केस: CBI ने एक आईएएस और दो आईपीएस अधिकारियों को दोषी माना, कार्रवाई की सिफारिश
उन्नाव दुष्कर्म मामले में सीबीआई ने जांच के दौरान तीन अधिकारियों को दोषी पाया है. तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है.
दिल्ली, एबीपी गंगा। उन्नाव रेप मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन अधिकारियों को दोषी माना है. सीबीआई ने इन तीनों के खिलाफ राज्य सरकार से विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की है. दोषी पाए जाने वालों में एक आईएएस और दो आईपीएस अधिकारी शामिल हैं. इनमें अदिति सिंह उन्नाव में डीएम के पद पर तैनात रहीं हैं. वहीं, एसपी के पद पर तैनात नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह को भी दोषी माना गया है.
बता दें कि उन्नाव दुष्कर्म मामले में तीस हजारी कोर्ट पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुना चुकी है. इस मामले में सीबीआई ने पहले ही सेंगर और पुलिस प्रशासन के बीच सांठगांठ का इशारा किया था. जिसके बाद जांच में सामने आया कि उन्नाव की पीड़िता ने सेंगर के खिलाफ कार्रवाई के लिए तत्कालीन डीएम और एसपी के समक्ष गुहार लगाई थी. हालांकि, दोनों ने ही सेंगर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद उन्हें जांच में दोषी पाया गया.
हापुड़ की डीएम हैं अदिति अदिति सिंह फिलहाल, हापुड़ की डीएम हैं. वह 2009 बैच की आईएएस हैं. अदिति सिंह उन्नाव में 24 जनवरी 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक डीएम रही हैं. वहीं, 2009 बैच की ही आईपीएस नेहा पांडेय फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. वह उन्नाव में 2 फरवरी 2016 से 26 अक्टूबर 2017 तक एसपी रही हैं. इनके अलावा आईपीएस पुष्पांजलि फिलहाल गोरखपुर में रेलवे एसपी के पद पर तैनात हैं. वह 27 अक्टूबर 2017 से 30 अप्रैल 2018 तक उन्नाव में एसपी रही हैं. पुष्पांजलि 2006 बैच की आईपीएस अफसर हैं.
ये था मामला दरअसल, उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से एक नाबालिग किशोरी नौकरी मांगने के लिए मिलने पहुंची थी. बाद में किशोरी ने खुलासा किया कि विधायक ने उनके साथ बलात्कार किया. किशोरी को मिलवाने के लिए सेंगर की एक करीबी महिला ले गई थीं. यह मामला 4 जून 2017 का है. बाद में विधायक सेंगर के भाई ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की. उन्हें पुलिस से मिलकर जेल भिजवा दिया. जहां उनकी हत्या कर दी गई.
पीड़िता पर हमला इस दौरान सेंगर आरोपों के चलते जेल चला गया लेकिन पीड़िता के खिलाफ साजिश नहीं रुकी. 28 जुलाई 2019 को पीड़िता जब अपने वकील और चाचा के साथ जा रही थी तो ट्रक ने टक्कर मार दी. हादसे में चाचा की मौत हो गई. जबकि पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए. इस पूरे मामले में कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी पाया गया. उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई. साथ ही सेंगर पर 25 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया.
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