पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने ट्वीट कर लिखा है कि "बाढ़, कोरोना, इलाज का अभाव, जल जमाव, गरीबी, पलायन, बेरोजगारी समेत अनेक समस्याओं से बिहार त्राहिमाम कर रहा है, लेकिन सूबे के मुखिया की कहीं कोई खोज खबर नहीं है. इतना टोकने के बाद 100 दिन बाद “अतिथि भूमिका” में अवतरित हुए थे, लेकिन फिर अदृश्य हैं. संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री को राज्यवासियों के बीच रहना चाहिए."
इधर, 8 साल में 264 करोड़ की लागत से बने सत्तरघाट पुल से दो किलोमीटर दूर एक पुलिया के एप्रोच रोड के 29 दिनों में ही टूटने के मामले में सूचना देने वाले ग्रामीणों पर FIR दर्ज होने के बाद तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर हमला बोला है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, "264 करोड़ की लागत से बने पुल के ढहने से पहले ग्रामीणों ने आगाह किया था, लेकिन भ्रष्टाचारी नीतीश सरकार की आंख कहां खुलने वाली थी? पुल ढहेगा तभी ना दोबारा भ्रष्टाचार करेंगे? अब निर्लज्ज भ्रष्ट सरकार निर्दोष ग्रामीणों पर ही केस दर्ज कर रही है कि वो मीडिया को सच बता सरकार के भ्रष्टाचार की पोल क्यों खोल रहे हैं.”
वहीं, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने एक बार फिर इमोशनल ट्वीट कर सीएम नीतीश को घेरने की कोशिश की है. लालू ने भोजपुरी में ट्वीट कर लिखा है कि " ए नीतीश! लगभग 4 महीना हो गऽइल बंदी के, जनता में त्राहीमाम बा, रोजी-रोटी,जान-माल पर आफत बा. तऽहार राज में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अत्याचार चरम पर बा. 4 महीना में आपन बंगला से 4 बार भी बाहर ना निकलऽअ. ई लुकाछिप्पी से कोरोना ना भागऽइ. जब सेनापति मैदान छोड़ के भागऽल रही त लड़ाई के लड़ऽइ."
उन्होंने लिखा कि "मुख्यमंत्री सामने से लीड करेऽला की चादर ताऽन के घर में सुतेऽला? 4 महीना में 4 बार भी नीतीश लोग के बीच में ना गईलऽन. बेरोजगारी, भुखमरी, घुसखोरी, अपराध से जनता रोऽअऽता आ नीतीश आपऽन सुशासनी मुखौटा” के रंगाई-पोताई में लागल बाऽडऽन. बिहार के हाल देखऽके हमार दिल रोऽअऽता.
इधर, सूबे के सूचना और जनसंपर्क मंत्री और जेडीयू नेता नीरज कुमार सीएम नीतीश के बचाव में उतरे और लालू यादव को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि " याद बा न लालू जी, CAG के रिपोर्ट 1996-97, 1997-98 और 1998-99 में राज्य के 11 जिला में बाढ़ आईल रहे. 90 करोड़ रुपया बाढ़ पीड़ित के मदद ला आईल रहे, लेकिन होईल रहे फर्जीवाड़ा. बिहार के 15 अइसन जिला रहे जहवां बाढ़ ना आईल रहे. ओहिजे पईसा के बंदरबांट भईल बा.
उन्होंने लिखा कि "रउआ द्वारा कईल गईल घोटाला याद बा न, याद नईखे त बताईं. जेल और पुत्र के तनाव में भूल गईल होखब. होइल बा बाढ़ राहत घोटाला. कतना लोग के जान गईल बा, याद बा न, की खाली संपत्तिये याद बा. जेल में पुरनका पाप याद करीं. भगवान के ऊपरे जा के जवाब देवे के बा."
बता दें कि बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव में अभी तीन महीने बाकी हैं, लेकिन वार-पलटवार का दौर अभी से ही शुरू हो गया है. खास कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर राजनीतिक पार्टियां के बीच ट्विटर वॉर छिड़ा हुआ है. अब देखना है कि चुनाव के नजदीक आने के साथ यह तकरार कौन सा रूप अख्तियार करती है.
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