बस्ती: कोरोना काल में यदि आप भी कुछ करने की सोंच रहे हैं तो यह खबर आपके के लिए प्रेरणा बन सकती है. ऐसा इसलिए है कि कोरोना संकट ने बस्ती जिले के खुशहालगंज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना दिया. इन महिलाओं के पास आजीविका का कोई साधन नहीं था, लेकिन अब ये चप्पल बनाकर अपने जीवन में खुशहाली ला रही हैं.
बता दें कि जिले के दुबौलिया ब्लॉक क्षेत्र के खुशहालगंज गांव में मीना सिंह के पति बाहर प्राइवेट नौकरी करते हैं. लॉकडाउन में वे घर आ गए. परिवार का भरण-पोषण इन्हीं की कमाई से चलता था. ऐसे में मीना ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने की ठान ली. इस काम में उनके पति ने भी मदद की.
मीना ने हाजीमलंग नाम से एक स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसकी वह अध्यक्ष बनीं और गांव की 11 महिलाओं को संगठन से जोड़ा. मीना बताती हैं कि उन्होंने यूट्यूब पर चप्पल बनाने के बारे में देखा था, जिसके बाद समूह से जुड़ी महिलाओं से धन इकट्ठा किया और सामुदायिक निवेश निधि से उन्हें आर्थिक सहायता भी मिली. इन्हीं पैसों से वे आगरा से चप्पल बनाने की मशीन ले आईं और अब इनकी टीम से जुड़ी महिलाओं में रुखसाना, जरीना खातून, अकीला बानो, जमीतुलनिशा, जैबुननिशा, अंजुम, रुकसार, फिरोजा, जहिदा, मोमिना, अलीमूननिशा चप्पल बनाने के काम में जुटी हैं.
समूह की ओर से बनाए जा रहे चप्पल स्थानीय बाजारों में धूम मचा रहे हैं. मीना बताती हैं कि सबसे अधिक मांग लेडिज चप्पलों की है, उनके यहां स्टाइलिस चप्पल भी बनाए जा रहे हैं, समूह से जुड़ी बाकी महिलाएं इस काम से काफी खुश हैं, कहती हैं कि इसकी मार्केटिंग भी वह स्वयं करती हैं. उन्होंने कहा कि उनके यहां कई दामों के चप्पल उपलब्ध हैं, जिन्हें लोग अपने बजट के अनुसार खरीद रहे हैं.
बुलंदशहर शराब कांड: डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा- दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी
अब स्मार्ट तरीके से अपराधियों पर शिकंजा कसेगी आगरा पुलिस, कुछ ऐसी है तैयारी