लखनऊ, एबीपी गंगा: उत्तर प्रदेश बोर्ड की परीक्षाएं इस बार मार्च में होंगी. बता दें कि पिछले कुछ साल से ये परीक्षाएं फरवरी में हो रही थीं. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सेशन लेट शुरू हुए. जिसके मद्देनजर बोर्ड ने मार्च में परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है. इस बारे में शासन जल्द ही अकादमिक कैलेंडर जारी करेगा जिसमें पूरी जानकारी होगी.


वहीं, इस बार 1 बार ही प्री बोर्ड एग्जाम होंगे. इससे पहले 2 बार होते थे. वहीं, इस बार दिसंबर और जनवरी में प्रैक्टिकल परीक्षाओं की तैयारी है. गौरतलब है कि यूपी बोर्ड ने कोरोना काल को देखते हुए पहले से ही 30 फीसदी सिलेबस भी कम कर दिया है.


हालांकि, सिलेबस कम करने के दौरान बोर्ड ने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि छात्रों का नुकसान न हो. इसीलिए बोर्ड ने इतिहास, समाजशास्त्र और हिंदी जैसे विषयों में वैसे कटौती नहीं की है जैसी सीबीएसई बोर्ड ने की है.


कुछ ऐसे हुई सिलेबस में कटौती
कक्षा 9 के विषय सामाजिक विज्ञान में कटौती: इस बार सिलेबस से नाजीवाद व हिटलर का उदय, वन्य समाज व उपनिवेशवाद, चुनावी राजनीति: हम प्रतिनिधियों का चुनाव कैसे एवं क्यों करते हैं? हमारे यहां राजनीतिक दलों में प्रतिद्वंदिता क्यों है? चुनावी राजनीति में नागरिकों की सहभागिता किस प्रकार बदल गई है? स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के तरीके के पाठ्यक्रम को हटा दिया गया है। वहीं, विज्ञान विषय में स्वास्थ्य एवं रोग : संक्रामक व असंक्रामक बीमारियां, कारण व सुरक्षा, वायरस, बैक्टीरिया एवं प्रोटोजोन्स व उनकी रोकथाम, पल्स पोलियो कार्यक्रम के पाठ्यक्रम को हटा दिया गया है.


इसी तरह दसवीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान विषय से पाठ्यक्रम से राजनीतिक दलः प्रतियोगिता व प्रतिवाद में राजनीतिक दलों की भूमिका क्या होती है? भारत में प्रमुख राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल कौन से हैं विषयों को कम कर दिया गया है.


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