यूपी पुलिस के हाथ अब तक खाली, बढ़ सकती है विकास दुबे पर इनाम की राशि
यूपी पुलिस की 40 टीमें और यूपी-एसटीएफ लगातार विकास दुबे की खोज में लगी हैं. दुबे नेपाल न भाग जाए, इसके लिए यूपी-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है.
लखनऊ: यूपी के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर फ़रार होने वाले विकास दुबे और उसके साथियों का अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है. यूपी पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी विकास दुबे, उसकी पत्नी ऋचा दुबे और विकास के साथी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. यूपी पुलिस की 40 टीमों के अलावा यूपी-एसटीएफ लगातार विकास दुबे की तलाश में लगी हुई है. विकास दुबे के प्रदेश से बाहर भागने की आशंका को देखते हुए यूपी-एमपी, यूपी-राजस्थान और यूपी-नेपाल की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है. पुलिस के जवान सार्वजनिक स्थानों पर, बाज़ारों में, टोल प्लाज़ा पर और सीमाओं पर विकास की तस्वीर वाले पोस्टर लगाकर उसे ढूंढने की कोशिश में लगे हैं.
विकास दुबे पर इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख की गई है और संभव है इस इनाम राशि को और भी बढ़ाया जाए. यूपी पुलिस के उच्च सूत्र के मुताबिक़ विकास दुबे फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से उसे ट्रेस कर पाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं. साथ ही कोरोना की वजह से हर किसी के चेहरे पर मास्क होना भी पुलिस के लिए चुनौती बन गया है, क्योंकि हर गाड़ी, बस, बाइक और पैदल चल रहे लोगों को रोककर उनका मास्क उतरवाकर शिनाख़्त करने में मुश्किल पेश आ रही है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने क्या कहा यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर पड़ताल शुरू की और उसी दिन सुबह 2 बदमाश मारे गए और कुछ हथियार बरामद हुए. उन्होंने बताया कि अन्य जो अभियुक्त हैं, उनपर इनाम घोषित किया गया है. विकास दुबे पर ढाई लाख रुपये का इनाम है और गिरफ्तारी के लिए कोशिश जारी है. इस घटना में विकास दुबे की सहायता करने वाले 3 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. विकास और उसके साथियों की तलाश करने के साथ हथियारों की जानकारी ली जा रही है. विकास के घर हथियार होने की जानकारी होने के बाद तलाशी की गई तो 2 किलो विस्फोटक, तमंचे, कारतूस और देशी बम मिले हैं.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि हमें उम्मीद है बहुत जल्द सभी अभियुक्तों और उन्हें संरक्षण देने वालों को पकड़कर जेल भेजेंगे. इनके परिवारवालों की अवैध संपत्ति होने की जांच चल रही है. इनके हथियारों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे. दिवंगत सीओ देवेंद्र मिश्रा की चिट्ठी को लेकर आईजी लखनऊ रेंज को डीजीपी ने कानपुर भेजकर जांच कराने का फैसला किया है. आईजी रेंज जांच कर डीजीपी को रिपोर्ट देंगे. विकास दुबे की तलाश में मिनट टू मिनट तलाशी करने के लिए सर्विलांस की जा रही है. वर्तमान में एसटीएफ के डीआईजी और मार्च महीने में कानपुर के एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी के मामले पर प्रशांत कुमार ने कहा कि ऑडियो की जांच की पुष्टि कराई जा रही है, लेकिन प्राथमिक तौर पर कुछ आपत्तिजनक नहीं लग रहा है.
प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों की भूमिका विवेचना का विषय है. जो दोषी पाया जाएगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यूपी पुलिस की 40 टीमों के अलावा एसटीएफ की टीमें भी जांच में लगी हुई हैं. ऋचा दुबे की भूमिका विवेचना का विषय है. राजनैतिक लोगों की तस्वीरों के विषय में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
विकास की पत्नी ऋचा दुबे की भूमिका भी संदिग्ध कानपुर हत्याकांड के आरोपी विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की भी तलाश पुलिस कर रही है. हालांकि ऋचा दुबे का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ ऋचा दुबे घटना के वक़्त लखनऊ स्थित घर में मौजूद थी. घटना के तुरंत बाद ऋचा को गांव से किसी ने फोन पर पूरी घटना की जानकारी दी. ये फोन विकास दुबे ने किया या उसके किसी सहयोगी ने, इसकी भी जांच की जा रही है. इसी फोन कॉल के बाद ऋचा लखनऊ से कहीं फ़रार हो गई. पुलिस ने बताया कि विकास और ऋचा के 2 बेटे हैं. इनका नाम आकाश और शानू है. बड़ा बेटा विदेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है वहीं छोटा बेटा स्कूल में पढ़ता है. पुलिस की अबतक की जानकारी में ये पता लगा है कि घटना के दिन दोनों बेटे यहीं थे. हालांकि विदेश में पढ़ाई करने वाले बेटे को लेकर स्थिति साफ़ नहीं हो सकी है कि वो विदेश में था या लखनऊ में. पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखकर तफ़्तीश कर रही है.
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि कानपुर के विकरू गांव में जो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उसका कंट्रोल ऋचा दुबे अपने मोबाइल में रखती थी. जब भी पुलिस विकास के गांव जाती थी, वो वीडियो ऋचा सेव कर लेती थी और कभी कभी सोशल मीडिया पर भी डाल देती थी. ऐसे में ऋचा दुबे की भूमिका भी संदिग्ध है और उसकी तलाश पुलिस कर रही है लेकिन अबतक उसकी कोई जानकारी हासिल नहीं हुई है.
लखनऊ वाले घर फिर पहुंचे एलडीए के अधिकारी विकास दुबे का कानपुर के विकरू गांव वाला घर ध्वस्त करने के बाद उसके दूसरे घर की भी जांच की जा रही है. आज विकास दुबे के लखनऊ स्थित घर पर दोबारा लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी पहुंचे और मकान का बाहर से नाप लिया. लखनऊ के कृष्णा नगर इलाक़े में इंद्रलोक कॉलोनी में विकास दुबे का घर है. घटना के दिन विकास की पत्नी ऋचा दुबे इसी घर में थी लेकिन घटना के तुरंत बाद वो भी यहां से निकलकर फ़रार हो गई. अब एलडीए के अधिकारी दस्तावेज़ निकालकर मकान के कागज़ात और वैधता की जांच कर रहे हैं.
विकास दुबे का लखनऊ वाला घर पहले एक स्कूल हुआ करता था. स्कूल मालिक ने घाटे की वजह से किसी बिल्डर को मकान बेच दिया तब. चूंकि मकान साइज़ में बड़ा था इसलिए बिल्डर ने इसे 4 हिस्सों में बांटकर चार अलग-अलग लोगों को बेच दिया. इनमें एक हिस्सा विकास दुबे ने ख़रीदा था. अब विकास के मकान की हर पहलू की जांच एलडीए कर रही है.
नेपाल सीमा पर भी बढ़ाई गई निगरानी यूपी पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए नेपाल सीमा पर भी विकास के पोस्टर लगा दिए हैं. एडीजी गोरखपुर दावा शेरपा के निर्देश के बाद भारत नेपाल सीमा पर अपराधी विकास की जगह-जगह तस्वीर लगा दी गई हैं. इसके साथ ही सीमा पर तैनात एसएसबी को भी अलर्ट कर दिया गया है. हालांकि नेपाल जाने की आशंका थोड़ी कम इसलिए भी है क्योंकि लॉकडाउन और नक्शा विवाद की वजह से नेपाल सीमा पूरी तरह सील है.
इसके साथ ही कानपुर से नेपाल की दूरी एमपी या राजस्थान की तुलना में काफ़ी ज़्यादा है. हालांकि अक्सर बड़ी घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधी नेपाल पहुंचकर ख़ुद को बचाने की कोशिश करते रहे हैं. पुलिस किसी भी तरह से विकास को अपनी गिरफ़्त से बाहर नहीं होने देना चाहती, इसलिए नेपाल से लगती महराजगंज, सिद्धार्थनगर और बहराइच में गश्त बढ़ा दी है.
कब हाथ आएगा नरसंहार करने वाला विकास ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आख़िर विकास दुबे कहां है. आख़िर वह अब तक पुलिस की गिरफ्त में क्यों नहीं आ पा रहा है. क्या पुलिस और राजनीतिक लोगों का आश्रय उसे अभी भी हासिल हो रहा है. ऐसे कई अनसुलझे सवाल हैं जो पैदा हो रहे हैं और पुलिस की चुनौती हर बीतते घंटे के साथ बढ़ती ही जा रही है. देखना होगा कि आख़िर कब यूपी पुलिस विकास दुबे तक पहुंचती है.
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