UP: सोनभद्र में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए SP और BJP में कड़ी टक्कर, निर्दलीयों को रिझाने में जुटीं दोनों पार्टियां
हालिया पंचायत चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है. इसके बावजूद पार्टी गठजोड़ कर जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की कोशिश में जुटी हुई है.
सोनभद्रः उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. सत्ताधारी बीजेपी का प्रदर्शन पंचायत चुनावों में अच्छा नहीं रहा. पार्टी इसे लेकर कई राउंड बैठक कर चुकी है. पूरे प्रदेश में विपरीत रिजल्ट आने से बीजेपी खासा परेशान है, क्योंकि आगामी 2022 में विधानसभा चुनाव होना है. यूपी पंचायत चुनाव को शुरू से विधानसभा का सेमीफाइनल बताया जा रहा था. ऐसे में सेमीफाइल बीजेपी के लिए बेहद शर्मनाक रहा. इसलिए बीजेपी हर कदम काफी फूंक-फूंककर रखना चाहती है.
सोनभद्र में निर्दलीय बनेंगे 'किंग मेकर'
सोनभद्र की बात करें तो यहां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 31 है जबकि क्षेत्र पंचायत के 781 सदस्य हैं. यूं तो चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने अपना दांव आजमाया था लेकिन चला सिर्फ कुछ ही का. जिला पंचायत में पहले पायदान पर सपा है जबकि बीजेपी तीसरे नंबर पर है. दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या है और यही संख्या निर्णायक बन सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए टक्कर प्रमुख दो दल सपा व बीजेपी के बीच होगी.
कितने सदस्यों की दोनों पार्टियों को जरूरत
सोनभद्र में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में यदि आंकड़ों पर गौर करें तो सपा के पास 11 सदस्य, जबकि बीजेपी के पास मात्र 6 सदस्य हैं. अध्यक्ष बनने के लिए मैजिक आंकड़ा 16 है. ऐसे में सपा मैजिक आंकड़े के सबसे नजदीक है और उसे मात्र 5 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी, जबकि बीजेपी को 10 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी .
सपा-बीजेपी में इन नामों पर चल रही चर्चा
सपा में जिला पंचायत अध्यक्ष के जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें पहले नम्बर पर जय प्रकाश पांडेय उर्फ चेखुर पांडेय हैं. दूसरे नम्बर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव हैं . वहीं चर्चाओं की मानें तो बीजेपी में दावेदारी पेश करने वाली तीनों महिला प्रत्याशी हैं , जिसमें पहले नम्बर पर संजीव त्रिपाठी की पत्नी उत्तरा त्रिपाठी का नाम चल रहा था. लेकिन पिछले कुछ दिनों से बीजेपी जिला उपाध्यक्ष की पत्नी रितु सिंह के नामों की चर्चा तेज हो गयी है. हालांकि राजनीतिक में अंत तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. इसके अलावा सांसद छोटेलाल खरवार भी अपनी पत्नी मुनिया देवी को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, इसलिए तीसरे नाम की चर्चा उनकी है.
सभी की नजरें इन पर टिकीं
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो सभी की निगाह निर्दलीय प्रत्याशियों पर होंगी. हालांकि बीजेपी की कुछ राह आसान करने में अपना दल ( एस ) व बसपा कर सकती है. माना जा रहा है कि अपनादल ( एस ) बीजेपी की सहयोगी पार्टी के रूप में है तो वह अलग नहीं जाएगी , वहीं बसपा भी बीजेपी के साथ जा सकती है. इसके अलावा अपनादल ( कृष्णा गुट ) सपा के साथ जा सकता है क्योंकि उसका उस दल के साथ जाना मंजूर नहीं होगा. फिलहाल यह सब अटकलें हैं. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्या के करीबी चुर्क जिला पंचायत क्षेत्र से चुनाव जीते मोहन कुशवाहा ने भी बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी ठोंकी है.
क्या कहते हैं जानकार
जानकर मानते हैं कि सत्ता से दूर सपा को जिस तरह से लोगों ने अपना समर्थन दिया है, उसे भविष्य की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी भी सपा की तरफ अपना दांव खेल सकते हैं.
क्या कहते हैं दोनों पार्टियों के अध्यक्ष पद के दावेदार
- सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के मुख्य दावेदार चेखुर पाण्डेय उर्फ जय प्रकाश पाण्डेय का कहना है कि जनता ने जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के वादे पर चुनाव जिताया है.
- भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदारी के लिये वार्ड नम्बर 9 चुर्क से जीत कर आये मोहन कुशवाहा ने अपनी दावेदारी पेश की है. मोहन कुशवाहा कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के करीबी बताये जाते है. मोहन कुशवाहा का कहना है कि उन्होंने मोदी व योगी के कार्यो को गांव-गांव जाकर बताया जिसका नतीजा यह रहा कि जनता ने मुझे विजयी बनाया. उन्होंने कहा कि वे जनता की सेवा करेंगे, इसलिए अध्यक्ष पद के लिये दावेदारी कर रहे हैं.
- मुनिया देवी पुर्व सांसद छोटेलाल खरवार की पत्नी बरह्मोरी सिट से चुनाव जीत कर आयी हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद की मुख्य दावेदार हैं. मुनिया देवी का कहना है जिला पंचायत अध्यक्ष बन कर जनता की सेवा करेंगीं.
- जिला पंचायत क्षेत्र तरावां से जीत कर आयी रितु सिंह भाजपा जिला उपाध्यक्ष की पत्नी हैं, जो प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, विधायक के करीबी बताये जाते हैं.
- भाजपा से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी उत्तरा त्रिपाठी ने भी की है. ये पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्व0 देवेन्द्र शास्त्री की पुत्रवधू हैं.
कोशिश में जुटीं दोनों पार्टियां
बहरहाल जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी पहले ही अपनी किरकिरी करा चुकी है. ऐसे में बीजेपी की निगाह जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट समेत दस ब्लाक प्रमुखों पर है. वहीं सपा बीजेपी के इस अभियान को रोकने में पूरी तरह से लगी हुई है. कुल मिलाकर काफी दिलचस्प चुनाव देखने को मिलेगा.