सुलतानपुरः उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के जयसिंहपुर विधानसभा के अन्तर्गत 27 करोड़ की लागत से एक अस्पताल बनकर तैयार हुआ है. जहां गुरुवार को जिला अधिकारी और सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी के प्रतिनिधि ने एक साथ निरीक्षण किया.


तीन साल पहले तैयार हुआ अस्पताल


जिले के विरसिंहपुर में तीन साल पहले बनकर तैयार हुए 100 बेड के अस्पताल का दिन अब लौटने जा रहा है. इसके लिए सांसद मेनका गांधी ने युद्ध स्तर पर प्रयास किया. उन्होंने कल ही मुख्यमंत्री से फोन पर इस विषय पर बात की. इसके बाद गुरुवार को डीएम रवीश गुप्ता, एसपी विपिन मिश्रा और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे. निरीक्षण के बाद डीएम ने बताया कि सात से दस दिन में यहां कोविड हास्पिटल शुरू कर दिया जाएगा.


डीएम रवीश गुप्ता ने बताया कि, जिला मुख्यालय से ब्लाक अखंडनगर क्षेत्र की दूरी लंबी पड़ जाती है. यहां जिला अस्पताल चलेगा तो क्षेत्रीय जनता को काफी लाभ होगा. तात्कालिक रूप से यहां बहुत जल्द कोविड वार्ड शुरू करना है. कुछ जगह यहां इन्क्रोच्मेन्ट की प्रॉब्लम है. जो भी कमियां हैं उसे एई ने देख लिया है. साथ ही साथ हमें डॉक्टर की पोस्टिंग करानी पड़ेगी क्योंकि चिकित्सा एक ऐसा कार्य है जो की विशेषज्ञ ही कर सकते हैं, उसका हम प्रयास करेंगे. 


तकनीकी कारणों से नहीं हुआ हॉस्पिटल का हैंड ओवर


वहीं सांसद प्रतिनिधि रंजीत सिंह ने बताया कि, तकनीकि कारणों से हास्पिटल हैंड ओवर नहीं हो पाया. साल भर पहले सांसद ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था. उसके बाद से दो-तीन बार बात करके इसको क्रियाशील कराने के लिए प्रयासरत थीं. स्थानीय विधायक सीता राम वर्मा ने भी प्रयास किया इस बीच कोरोना आ गया, लेकिन कल सांसद ने मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामले को दिया.


इसे पहले कार्यदायी संस्था कह रही थी के स्वास्थ्य विभाग हैंड ओवर ले नहीं रहा, स्वास्थ्य विभाग कह रहा था कार्यदायी संस्था हैंडओवर दे नहीं रही. रंजीत सिंह ने कहा हमने डीएम से कहा है कि एक बार सामूहिक रूप से निरीक्षण किया जाए. ताकि कमी का पता लगाया जा सके. अब दस दिनों में इसको शुरू कर दिया जाएगा.


27 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण


आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से 49 किलोमीटर दूर सेमरी रोड पर बिरसिंहपुर गांव में अगस्त 2014 में 100 बेड के अस्पताल का निर्माण शुरू किया गया था. राजकीय निर्माण निगम को 27 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अस्पताल के भवन को दो साल के अंदर बनाकर हैंडओवर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन कार्यदाई संस्था निश्चित समयावधि के भीतर भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं कर सकी थी. समय के भीतर कार्य पूरा न होने के पीछे बजट न मिलने की बात सामने निकल कर आई थी. फिलहाल बजट के पास होते ही कार्यदाई संस्था ने भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया था. अस्पताल में मरीजों के लिए इमरजेंसी, आईसीयू, ओपीडी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड के साथ अन्य सुविधाएं मौजूद रहेगी.


 


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