प्रयागराज: नैनी जेल में रंग ला रही 'मोबाइल पकड़वाओ, इनाम पाओ' स्कीम, मिल रहे हैं ये फायदे
'मोबाइल पकड़वाओ, इनाम पाओ' स्कीम शुरू होने के बाद से जेल में चोरी छिपे इस्तेमाल हो रहे 100 के करीब मोबाइल फोन पकड़े गए हैं.
प्रयागराज. नैनी सेंट्रल जेल को कभी अपराधियों की ऐशगाह कहा जाता था. रसूखदार बंदी यहां अक्सर शराब व मुर्गे की दावत उड़ाते थे. रसूखदारों के साथ ही बड़ी संख्या में साधारण बंदी भी यहां धड़ल्ले से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यहां मोबाइल फोन का इस्तेमाल तकरीबन खत्म सा हो गया है. यह सब मुमकिन हुआ है जेल के अफसरों द्वारा शुरू की गई एक स्कीम की वजह से. इस स्कीम को नाम दिया गया है, 'मोबाइल पकड़वाओ और ईनाम पाओ'.
पकड़े गए 100 मोबाइल फोन कुछ ही दिनों पहले शुरू की गई इस स्कीम का जबरदस्त रिस्पांस भी देखने को मिल रहा है. स्कीम शुरू होने के बाद से जेल में चोरी छिपे इस्तेमाल हो रहे 100 के करीब मोबाइल फोन पकड़े गए हैं. स्कीम के तहत जेल का जो भी कर्मचारी, बंदी रक्षक या खुद कोई कैदी किसी बंदी के पास से मोबाइल बरामद कराएगा या गुप्त तरीके से उस बारे में सटीक सूचना देगा, उसे बदले में इनाम दिया जाएगा. अफसरों का कहना है कि इनाम के लालच में बंदी रक्षक और खुद दूसरे कैदी भी दिन भर पैनी निगाह रखते हैं और थोड़ी भी सुगबुगाहट होने पर चुटकियों में मोबाइल फोन पकड़वा देते हैं.
दरअसल इस स्कीम के जरिये जेल के अफसर ऑपरेशन क्लीन चलाते हुए सेंट्रल जेल को पूरी तरह मोबाइल फोन से मुक्त करा देना चाहते हैं. अफसरों का दावा है कि स्कीम की वजह से अपने इस मकसद में वह अपवादों को छोड़कर पूरी तरह कामयाब भी हो रहे हैं. मोबाइल पकड़वाने के बदले इनाम पाने की लालच में बंदी रक्षकों ने तीन फिट तक जमीन के नीचे छिपाए गए मोबाइल फोन भी बरामद कराए हैं. मोबाइल फोन पकड़वाने या फिर उसके बारे में सटीक सूचना देने वालों को नगद कुछ इनाम देने के साथ ही उन्हें दूसरे तरीकों से भी उत्साहित किया जा रहा है. इसके अलावा उनकी सजा कम कराने की भी सिफारिश की जाती है.
कई स्कीम की शुरुआत जेल के डीआईजी पीएन पांडेय के मुताबिक मोबाइल फोन पकड़वाने के साथ ही कई दूसरी तरह की स्कीम भी शुरू की जा रही हैं. इन स्कीम का मकसद जेल की कमियों को दूर कर इसे मॉडल व आदर्श जेल बनाने की है. प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में इन दिनों तकरीबन साढ़े 4 हजार कैदी बंद हैं. इनमे से डेढ़ हजार के करीब सजायाफ्ता और तकरीबन तीन हजार विचाराधीन कैदी बंद हैं.
ये भी पढ़ें: