(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 101 साल के रंजीत सिंह को मिला भूमि पूजन का निमंत्रण, चंपत राय ने किया फोन
राम मंदिर भूमि पूजन में देश की बड़ी हस्तियां शामिल हो रही हैं. ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने श्रीराम मंदिर आंदोलन के कारसेवक रंजीत सिंह को भी बुलावा भेजा है.
मेरठ: राम मंदिर आंदोलन से जुड़े मेरठ के 101 साल के रंजीत सिंह को राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए बुलावा आया है. स्वस्थ ठीक न होने के कारण रंजीत सिंह अयोध्या नहीं जाएंगे. रंजीत सिंह का कहना है कि उन्होंने अयोध्या यहीं बना रखी है. मेरठ के रहने वाले 101 साल के रंजीत सिंह को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिन्दू परिषद के नेता चंपत राय ने खुद फोन करके निमंत्रण दिया है. परिवार के लोगों का कहना है कि स्वस्थ ठीक नहीं है इसलिए वो अयोध्या नहीं जा पाएंगे.
अयोध्या में शिलान्यास को लेकर जब एक तरफ देशवासियों में हर्षोउल्लास है. पूरा देश भक्ति के भाव में सराबोर है. वहीं, मेरठ के रंजीत सिंह की खुशी में इजाफा उस वक्त हुआ है, जब उनको अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के ऐतिहासिक और पावन अवसर पर सम्मिलित होने का निमंत्रण मिला. रंजीत के परिजनों का कहना है कि 101 साल के रंजीत सिंह को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिन्दू परिषद के नेता चंपत राय ने खुद फोन करके निमंत्रण दिया है.
बता दें कि, मेरठ के रहने वाले रंजीत सिंह श्रीराम मंदिर आंदोलन से शुरू से जुड़े रहे और आरएसएस के कार्यकर्ता रहे. राम मंदिर आंदोलन में 90 और 92 में तीन बार जेल भी गए लेकिन श्रीराम मंदिर आंदोलन से कभी पीछे नहीं हटे. रंजीत सिंह के परिजनों का कहना है कि वो वीएचपी के मेरठ प्रांत के उपाध्यक्ष रहे, राम मंदिर आंदोलन से जुड़े होने के साथ श्री राम में उनकी ऐसी आस्था है कि वह अपना ज्यादातर समय अयोध्या में काटते थे और अक्सर परिवार को बिना बताए ही अयोध्या चले जाते थे. इसका फल उन्हें ये मिला कि कोरोना के चलते जब देश की कुछ गिनी चुनी हस्तियों को अयोध्या के लिए आमंत्रण दिया जा रहा है, तो उनमें मेरठ के एकमात्र रंजीत सिंह भी शामिल हैं.
भूमि पूजन का निमंत्रण मिलने के बाद रंजीत सिंह की आंखो में चमक साफ दिखाई दी. ये चमक ऐसी थी जो एक विजेता की आंखों में देखी जा सकती है. आरएसएस से ऐसे जुड़े रंजीत सिंह पहले कांग्रेस के सदस्य थे. 1942 में रंजीत संघ से जुड़े और आज तक उसके कार्यकरता हैं. रंजीत सिंह उन भाग्यशाली लोगों में से हैं, जिनको रामजन्म भूमि के शिलान्यास के लिए निमंत्रण मिला. लेकिन स्वस्थ कारणों से वो भूमि पूजन का हिस्सा नहीं बन पाएंगे.
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