हरिद्वार: उत्तराखंड में चल रहे महाकुंभ में आखिर जिस बात का डर था वही हुआ. यहां कोरोना विस्फोट हुआ है. यहां 102 तीर्थयात्री और 20 साधु कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. मेले में कई धर्मिक संगठन के प्रमुखों ने कोरोना टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था. नतीजा ये है कि अब मेले में हालात बेहद खराब हो सकते हैं. वहीं, इस दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जा रहा है. ना तो मास्क दिख रहा है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ही पालन किया जा रहा है.


18 साधु-संत कोरोना पॉजिटिव


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की माने तो सोमवार को शाही स्नान के लिये एक लाख साधु-संत जुटे थे. हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एसके झा ने बताया कि,सरकार द्वारा जारी कोरोना की गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया गया. सीएमओ ने जानकारी देते हुये कहा कि, बीते 24 घंटों में जूना अखाड़ा के पांच, दो निरंजनी अखाड़ा, नाथ व अग्नि के एक-एक साधु कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. उन्होंने बताया कि, बीते चार दिनों में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़ा के मुखिया नरेंद्र गिरी समेत 18 साधु कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. सीएमओ ने बताया कि, नरेद्र गिरी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स हरिद्वार भेजा गया है.


देहरादून में अब साढ़े दस बजे से नाइट कर्फ्यू


दूसरी तरफ, देहरादून में रमज़ान, नवरात्र और विवाह समारोहों के मद्देनजर रात के कर्फ्यू का वक्त दस बजे से बढ़ाकर साढ़े दस बजे कर दिया गया है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को नवरात्र और इन दिनों में पड़ने वाले विवाह समारोहों व रमज़ान को देखते हुए आमजन की सुविधा के लिए रात के कर्फ्यू का वक्त 10 बजे की बजाय साढ़े 10 बजे करने के निर्देश दिये.


रावत ने जनता से कोविड-19 नियमों का पालन करने की अपील की साथ ही समस्त ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को देहरादून नगर निगम क्षेत्र में रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया था.


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