हाथरस मामले में फोन कॉल रिकॉर्ड से एक नया खुलासा हुआ है. एसआईटी की जांच में पता चला है कि पीड़िता के भाई और मुख्य आरोपी संदीप की फोन पर कई बार बातचीत हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2019 से लेकर मार्च 2020 के बीच दोनों ने एक दूसरे को 100 ज्यादा बार कॉल की. 60 से ज्यादा बार पीड़िता के भाई ने आरोपी संदीप को कॉल किया और 40 से ज्यादा बार आरोपी संदीप ने फोन किया.
बातचीत के डिटेल सोशल मीडिया पर वायरल हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये डिटेल्स लीक कौन कर रहा है, क्या ये जानबूझकर किया जा रहा है क्योंकि किसी की कॉल डिटेल्स निकलवाने का अधिकार सिर्फ पुलिस के पास ही है, पुलिस ही इस डिटेल की जानकारी रख सकती है. तो क्या कॉल डिटेल को लीक करवा कर पीड़ित परिवार को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. एक रेप को छुपाने के लिए 100 से ज्यादा फोन कॉल्स का सहारा लिया जा रहा है?
अगर मान भी लिया जाए कि आरोपी और पीड़ित लड़की के भाई के बीच बात हुई भी थी तो बड़ा सवाल ये कि क्या लड़की के साथ हुए गैंगरेप और उसकी बेरहमी से हुई हत्या को ये तथ्य जायज ठहरा सकते हैं.
दो दिन के अंदर ताबड़तोड़ 19 केस दर्ज
बलात्कार की जिस पीड़िता की शिकायत पर पहले यूपी पुलिस को एक केस दर्ज करने में भी कई दिन लग गए, उसी मामले में अब यूपी पुलिस ने दो दिन के अंदर ताबड़तोड़ 19 केस दर्ज कर दिए हैं. इनमें से 6 हाथरस केस में जबकि 13 इस केस को लेकर सोशल मीडिया में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने और भड़काऊ पोस्ट करने के मामलें में, अयोध्या, लखनऊ समेत कई ज़िलों में दर्ज की गई हैं.
बता दें, पीड़ित परिवार ने पहली बार 14 सितंबर को पुलिस में शिकायत की थी, तब पुलिस केस दर्ज नहीं किया था. मुश्किल से केस दर्ज भी किया तो हल्की धाराओं में जब 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई, तब जाकर केस को रेप और हत्या के केस में दर्ज किया गया था.
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