महोबा: सरकारी एंबुलेंस चालकों की हड़ताल का दिखने लगा असर, बढ़ गई है मरीजों की परेशानी
यूपी में एम्बुलेंस के कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थय सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। महोबा में मरीज परेशान होकर मरीज और तीमारदार प्राइवेट बाहनों और एम्बुलेंसों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
महोबा, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में जीवनदायनी 108/102 एम्बुलेंसों की चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर महोबा जिले के भी सभी एम्बुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल की वजह से स्वास्थय सेवाओं पर बुरा असर पड़ने लगा है। परेशान होकर मरीज और तीमारदार प्राइवेट बाहनों और एम्बुलेंसों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
जीवनदायनी कही जाने वाली 102/108 एम्बुलेंसों के कर्मचारियों की हड़ताल से स्वास्थय सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। महोबा जिले के सभी एम्बुलेंस कर्मचारियों ने सोमवार को अपनी-अपनी गाड़ियों को डाक बंगला मैदान में खड़ा किया और हड़ताल पर चले गए। एम्बुलेंस के कर्मचारियों का आरोप है कि 'फर्जी तरीके से केस कराए जा रहे हैं और समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है। सात सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर हैं और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वह हड़ताल जारी रखेंगे।
बता दें कि हड़ताल के कारण सीतापुर, बदांयू, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज समेत कई जिलों में सरकारी एंबुलेंस ड्राइवरों ने चक्का जाम कर दिया है। चालकों का आरोप है कि उनसे आठ घंटे की जगह 12 घंटे ड्यूटी कराई जाती है। उन्हें पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिहाड़ी मजदूर की तरह 60 रुपये प्रति केस के हिसाब से भुगतान किया जाता है। समय से वेतन भी नहीं मिलता है।