वेतन और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर एंबुलेंस कर्मचारी, संगम नगरी में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल का असर प्रयागराज में भी देखने को मिल रहा है। हड़ताल की वजह से दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। हड़ताली कर्मचारी मांगे पूरी हुए बगैर काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं।
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। यूपी में सरकारी इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों की हड़ताल का संगम के शहर प्रयागराज में भी जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। प्रयागराज के सभी 85 एम्बुलेंस के कर्मचारी आधी रात से हड़ताल पर हैं और वह एस्मा लगाए जाने के बावजूद अपनी हड़ताल खत्म करने को कतई तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि पिछले कई सालों से उनका शोषण हो रहा है, इसलिए वह इस बार आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
प्रयागराज में भी 108 और 102 की गाड़ियों के पहिये रविवार रात 12 बजे से थम गए हैं। वेतन और काम के घंटे को लेकर आ रही दिक्कतों को लेकर प्रयागराज जिले की भी 96 एम्बुलेंस की गाड़ियों के ड्राइवरों ने परेड मैदान में अपने वाहन खड़े किए और हड़ताल पर चले गए। एम्बुलेंस में तैनात ड्राइवरों और इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियनों के अनिश्चालीन हड़ताल पर चले जाने से दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं।
हड़ताल पर गए चालकों और इमरजेन्सी मेडिकल टेक्नीशियन का आरोप है कि जहां एक ओर उन्हें समय से वेतन नहीं मिल रहा है। वहीं उन्हें कम वेतन भी दिया जा रहा है। जबकि कई सालों के कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जा रही रही है। इसके साथ ही इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा संचालित करने वाली कंपनी जीवीके ईएमआरआइ की ओर से नए प्रोजेक्ट के तहत नई व्यवस्था की जा रही है। जिसके तहत 108 के वाहन कर्मियों को प्रति केस सौ रुपये और 102 को प्रति केस 60 रुपये दिए जाएंगे।
हड़ताली कर्मचारियों का आरोप है कि अगर केस न मिला तो उस दिन उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। कंपनी की यह नीति पूरी तरह से गलत है और उनके शोषण को लेकर बनायी गयी है। वहीं, एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल को लेकर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने एस्मा के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। लेकिन इसके बावजूद हड़ताली कर्मचारी मांगे पूरी हुए बगैर काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं।