नोएडा, बलराम पांडे। होम मिनिस्ट्री से मिली छूट के बाद लॉकडाउन में फंसे छात्र और श्रमिक वापस अपने घर को लौटने लगे हैं। जिला प्रशासन की शुक्रवार देर रात हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि 1200 छात्रों को उनके घर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए गाजियाबाद व नोएडा डिपो की बसों को लगाया जाएगा। शाम से ही छात्रों की भीड़ ग्रेटर नोए़़डा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट पर जुटने लगी थी। यहां से सभी छात्रों को बस के जरिए भेजा गया।


नोएडा की अमेठी यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रही अलका त्रिपाठी अपने होमटाउन गोरखपुर जाने के लिये नोएडा के बॉटटिनिकल बस अड्डे पहुंची। उनका कहना था कि पहले लॉक डाउन के बाद लग रहा था, कि सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन जब तीसरा लॉक डाउन तब लगा यह सब कुछ जल्दी ठीक नहीं होने वाला है और इसमें काफी समय लगेगा इस बीच घर वालों की भी याद आ रही थी और घर वाले भी लौट आने का बात कह रहे थे इसलिए मैं जा रही हूं। जबकि बिजनौर के रहने वाले ओंकार नाथ यहां पर कोचिंग के लिए आए थे। लॉक डाउन होने के कारण कोचिंग भी बंद हो गई और वहां फंस गए, ऊपर से रहने का किराया भी देना पड़ रहा था इसीलिए वे बिजनौर वापस लौट रहे हैं।


पहले बसों को सैनिटाइज किया गया और फिर छात्रों की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें एक प्रमाणपत्र सौंपा। इसे उन्हें अपने जिले के प्रशासन को दिखाना होगा जहां से उन्हें अपने घरों को रवाना किया जाएगा। जनपद में 1180 बच्चों ने अपने घर जाने के लिए निर्धारित एप पर रजिस्ट्रेशन कराया था। उसके बाद छात्रों को इस बारे में फोन कॉल्स और मैसेजेस के जरिए जानकारी दी गई थी। शाम से ही छात्रों की भीड़ ग्रेटर नोए़़डा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट पर जुटने लगी थी। यहां से सभी छात्रों को बस के जरिए भेज दिया गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी रखा गया।


गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई ने बताया कि यहां से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग 51 जिलों में जाने वाले 1200 छात्रों के लिए व्यवस्था की गई थी। सभी बच्चों को खाने के पैकेट और पानी की बोतल उपलब्ध कराई गई। उन्हें घर पहुंचकर 14 दिन होम क्वॉरंटाइन में रहना होगा। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। लंबी दूरी के इलाकों में जाने वाले छात्रों के लिए गाजियाबाद डिपो से डीजल संचालित बसें आई हैं। वहीं 200 से 250 किलोमीटर की दूरी के इलाकों में जाने के लिए नोएडा डिपो की सीएनजी बसों को संचालित किया जा रहा है।