अलीगढ़. टप्पल के बिधा की गढ़ी गांव की 13 वर्षीय शिवानी ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से पूरे जिले का नाम रोशन किया है. 8वीं क्लास में पढ़ने वाली शिवानी खो-खो व कबड्डी जैसे खेलों में 19 मेडल जीत चुकी हैं इनमें शिवानी ने 17 गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं. शिवानी अलीगढ़ जिले से लेकर आगरा जोन के साथ ही ब्लॉक स्तर पर जीत हासिल कर चुकी हैं. शिवानी की कामयाबी देख उसके माता-पिता फूले नहीं समाते हैं. मजदूरी करने वाला परिजन भी अपनी इस बेटी पर गर्व महसूस करते हैं.
शिवानी एक बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है. शिवानी के पिता राकेश कुमार हरियाणा के गुड़गांव में फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं. वहीं मां मंजू देवी दूसरों के खेतों में मजदूरी कर बटाई पर काम कर अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण कर उनका पालन पोषण करती है. शिवानी की एक नौ वर्षीय छोटी बहन 6ठवीं और 11 वर्षीय भाई सातवीं का छात्र हैं.
शिवानी खो-खो और कबड्डी के गुर सीखने के लिए अपने घर से साइकिल पर निकल पड़ती है. कई किमी दूर तहसील खैर इलाके के कस्बा जट्टारी में अपने कोच दलबीर सिंह बालियान से खेल के गुर सीखती है. शिवानी अलीगढ़ के ग्राउंड में पिछले 5 साल से लगातार गोल्ड मेडल जीत रही है. साथ ही वो आगरा जोन सहित टप्पल ब्लॉक स्तर पर भी खेल चुकी है. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते शिवानी को मां के साथ मजदूरी करनी पड़ती है. घर से सुबह 8 बजे कोचिंग जाने के बाद शाम 5 बजे छुट्टी होती है. ट्रेनिंग में करीब 12 से 14 और बच्चे भी प्रैक्टिस में शामिल होते हैं.
क्या कहते हैं कोच?
जट्टारी कस्बे में कब्बड्डी की एक छोटी एकेडमी चलाने वाले दलवीर सिंह बालियान कबड्डी के कोच हैं. इलाके में छिपी हुई उन प्रतिभाओं को निखारने ने का काम इनके द्वारा लगातार पिछले चार साल से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि खिलाड़ी शिवानी के अंदर एक बहुत ही बड़ी प्रतिभा छिपी हुई है. शिवानी लगातार पिछले चार साल से खो-खो और कबड्डी में गोल्ड मैडल जीतते हुए आ रही है. शिवानी युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में लखनऊ स्टेट तक खेल चुकी है और अभी अंडर 14 खेल रही है.
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