Atul Rai Case: रेप केस में फंसे मऊ जिले के सांसद अतुल राय की मदद करने के मामले में सीओ अमरेश बघेल को वाराणसी जेएम कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इस मामले को लेकर अब पूर्वांचल में गहमा गहमी बढ़ गयी है. आइए जानते हैं क्या है अतुल राय का मामला.
कभी जो माफिया मुख्तार का दाहिना हाथ था, आज उस पर संकट मंडरा रहा है. हम बात कर रहे हैं उस अतुल राय की जो पूर्वांचल में मुख्तार के दाहिने हाथ के तौर पर जाना जाता था. 1 मई 2019 को लंका थाने में पीड़िता मुकदमा दर्ज कराती है और 22 जून 2019 को अतुल राय कोर्ट में हाजिर होते हैं. इसी बीच पीड़िता और उसके दोस्त ने एक और मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें सोशल मीडिया पर अतुल राय के समर्थकों पर परेशान करने और धमकाने का आरोप लगता है.
मुख्तार से दूरी फिर हो रही नजदीकी
आपको बता दें कि 2019 से पहले मुख्तार के बड़े करीबी अतुल राय को घोसी से बीएसपी का टिकट मिलता है और यहीं टिकट मुख्तार से दूरियों को बनाता है. कहा जाता है कि इस सीट से मुख्तार अपने बेटे अब्बास अंसारी को खड़ा करना चाहते थे लेकिन अतुल राय ने खुद का नाम दे दिया और यहीं से मुख्तार और अतुल राय की दूरियां शुरू हुई. इसी बीच जब पीड़िता आरोप लगाती है तो उसमें मुख्तार के करीबी का पीछे से हाथ होने की बात भी आती है लेकिन अब दूरियां नजदीकियों में तब्दील हो रही हैं ये भी खबरें आम है.
अतुल राय की मददगार खाकी
अतुल राय भले ही मुख्तार से दूर था लेकिन सत्ता और मुख्तार के रसूख से जुड़े लोग उसकी मदद कर रहे थे. इसकी बड़ी बानगी इस पूरे मामले में सामने आई है. चाहे सत्ताधारी हो या फिर वर्दीधारी सभी आरोप के घेरे में उस वक्त आए जब एसएसपी अमित पाठक, एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ अमरेश बघेल हो या फिर थानेदार और अन्य पुलिस वाले सब पर अतुल राय की मदद का आरोप है. इसी आरोप के आधार पर अमरेश बघेल को हिरासत में लिया गया और कोर्ट में पेशी के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेज दिया गया.
इसे भी पढ़ेंः
Punjab Congress Crisis: सीएम चरणजीत चन्नी के साथ 2 घंटे तक चली मुलाकात, क्या इन शर्तों पर मान गए नवजोत सिद्धू?