गोरखपुर. उत्तर प्रदेश अपहरण का प्रदेश बनता जा रहा है. कानपुर और गोंडा में मासूमों के अपहरण की घटना के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर से बुरी खबर आई है. यहां पर पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले 14 साल के मासूम बलराम की गला दबाकर निर्मम हत्या कर दी गई. अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी और रुपए नहीं देने पर बच्चे को जान से मार देने की धमकी भी दी थी. इस मामले में पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तत्परता दिखाते हुए 28 घंटे में घटना का खुलासा कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, मासूम की जान नहीं बचा पाए.
गोरखपुर के पिपराइच इलाके के जंगल छत्रधारी के मिश्रौलिया के घर में मातम पसरा हुआ है. इस घर का इकलौता चिराग हमेशा के लिए बुझ गया है. दहाड़ मारकर रोती 14 साल के मासूम बलराम की मां बेसुध हो जा रही है. अब वो अपने बच्चे को कभी गोद में लेकर दुलार नहीं कर पाएगी. वहीं बलराम की बहनों के भी आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वे अब अपने इकलौते भाई को कभी राखी भी नहीं बांध पाएंगी. क्योंकि उनका भाई चंद रुपए की लालच में अपहरण करने वालों के हाथों मार दिया गया.
एसएसपी ने बताया पूरा घटनाक्रम
गोरखपुर के एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्ता ने बताया सोमवार की रात 8.30 बजे इस घटना का खुलासा किया. एसएसपी ने बताया कि रविवार की दोपहर पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले 14 साल के बलराम का उसके गांव से अपहरण कर लिया गया. पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम लगातार उसका सुराग लगाने में जुटी रही. पुलिस ने जिस नंबर से फिरौती की एक करोड़ रुपए की रकम मांगी, उस नंबर को देर रात ही ट्रेस कर लिया. सिम बेचने वाले और उसे खरीदने वाले दोनों आरोपियों के साथ हत्या की घटना को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि कुल पांच गिरफ्तारियां हुई हैं. उन्होंने बताया कि घटना में शामिल दो आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है. आरोपियों में एक उसके गांव का रहा है.
अपहरकर्ताओं को शक था कि वे पहचान लिये जाएंगे
अपहरणकर्ताओं को ये शक हो गया था कि पहचान का होने के कारण वे पकड़ में आ सकते हैं. यही वजह कि बच्चे को मौत के घाट उतार दिया गया. इसके पहले उसे बेहोश करने के लिए कोई दवा भी खिलाई गई. जिससे वो हरकत न कर सके. लाश को दो बोरे को दोहरा कर उसमें रखा गया और जंगल धूसड़ के पास केवटलिया नाले में फेंक दिया गया. उन्होंने बताया कि लाश को देखकर प्रथम दृष्टया गले पर कसने के निशान दिखाई दे रहे हैं. उसके मुंह और नाक से खून भी आया है. अपहरणकर्ताओं के द्वारा हेरेसमेंट के प्रथम दृष्टया कोई सुबूत नहीं मिले हैं. पोस्टमार्टम के बाद ही साफ हो पाएगा, कि मौत की असल वजह क्या रही है. एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने रविवार की देर रात से ही लगकर इस मामले में ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक के बाद एक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनकी निशानदेही पर ही पुलिस ने शव भी बरामद किया.
काल डिटेल से पता चला
काल डीटेल के आधार पर आरोपियों को उठाया. काल डिटेल के आधार पर सिम खरीदने वाले दयानंद का नाम प्रकाश में आया. उसके बाद बाकी आरोपियों का भी सुराग उससे पूछताछ में लग गया. दयानंद ने ही पूछताछ में कुबूल किया है कि उन लोगों ने जंगल धूसड़ इलाके में नाले में बच्चे को मारकर फेंका है. ये सभी पिपराइच के मिश्रौलिया और जंगल धूसड़ क्षेत्र के ही रहने वाले हैं. इसमें दो व्यक्ति और गिरफ्तार किए गए हैं. रिंकू गुप्ता और नितेश पासवान ने फर्जी सिम बेचा था. दयानंद के मोबाइल में सिम का प्रयोग किया गया है. इसके अलावा अजय गुप्ता और निखिल भारती जो मिश्रौलिया गांव के रहने वाले हैं. उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
मृतक के हाथ और पैर बंधे हुए थे. पोस्टमार्टम में ये पता चल पाएगा कि कैसे हत्या हुई है. निखिल भारती उसी मिश्रौलिया गांव का रहने वाले हैं. ये लोग रुपए की लालच में 8-10 दिन से इस तरह का प्लान कर रहे थे कि किसी तरह से पैसे कमाया जाए. एक करोड़ रुपए की काल कर फिरौती मांगी गई थी. रविवार की दोपहर एक बजे फिरौती मांगने के दौरान ही आरोपियों ने मर्डर कर देने की बात को कुबूल किया है. गंध के हिसाब से ये साबित भी हो रहा है. इन्होंने इसके बाद शाम को भी फोन कर कहा कि कुछ भी पैसे जमा करके दीजिए, तो आपके बच्चे को छोड़ देंगे. लगातार दबिश जारी है. दो आरोपी नितिन चौहान और अजय चौहान की तलाश में दबिश जारी है. परिवारवालों से जातिगत दुश्मनी और अन्य एंगिल की भी जांच की जा रही है. है. उसमें बच्चे ने कपड़े पहने हुए थे और हाथ-पैर पीछे बंधे हुए थे.
परचून की दुकान चलाने वाले महाजन और अंबालिका की चार पुत्रियों के बीच बलराम चौथे नंबर का इकलौता भाई रहा है. इधर मृत बलराम के घर पर उसकी हत्या की सूचना आने के बाद मातम पसर गया. मां अंबालिका देवी बेसुध हो गई. बहन विजयलक्ष्मी भी रक्षाबंधन के ठीक पहले इकलौते भाई को खोकर होश खोने लगी. वो बस यही रट लगाती रही कि उसके भाई को वापस ले आओ. इस करुण क्रंदन को देखकर हर किसी की आंखें वहां पर नम हो गई. पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर पर बलराम अपने माता-पिता और बहनों का दुलारा रहा है. वे रक्षाबंधन का बेसब्री से हर साल इंतजार करती रही है. लेकिन, अब उनका इकलौता भाई कभी वापस लौटकर नहीं आएगा. क्योंकि आरोपियों ने उसे निर्मम तरीके से मौत के घाट उतार दिया.
इकलौता बेटा था
गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल छात्रधारी मिश्रौलिया के रहने वाले महाजन गुप्ता और अंबालिका देवी के पांच बच्चों में 14 साल का बलराम चौथे नंबर पर था. चार बहनों में एक लोटे भाई को काफी प्यार-दुलार मिला. बलराम की हत्या की सूचना घर पहुंचने पर वहां कोहराम मच गया है. बलराम के पिता महाजन गुप्ता ने बताया कि उनका रविवार सुबह 10:00 बजे घर से दुकान पर गया था. वहां से वह 12:00 बजे के करीब घर जाने के लिए निकला. दोपहर 1:00 बजे के बाद से लगातार तीन बार उनके पास अपहरणकर्ताओं का फोन आया और उन्हें बताया गया कि एक करोड रुपए की रकम का इंतजाम कर लो नहीं तो उनके बेटे की हत्या कर दी जाएगी.
जब घरवालों के पास अपहरण के लिए फोन आया, तो उन्हें इस पर विश्वास नहीं हुआ. उन्होंने बलराम की खोजबीन शुरू की लेकिन बलराम का कहीं पता नहीं चला. 24 घंटा बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए. आखिरकार 4:30 बजते-बजते 28 घंटे बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद बलराम की लाश पिपराइच इलाके के जंगल धूषण के पास नाले से बरामद कर ली.
गोरखपुर के एसपी नॉर्थ अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि रविवार दोपहर 1:00 बजे के करीब परिजनों ने अपहरण की सूचना दी थी. 14 साल के बलराम को अपहरण के बाद एक करोड रुपए की फिरौती मांगी गई थी. उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद से ही पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश में जुट गई. उन्होंने बताया कि एक आरोपी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया. उसके बाद लाश बरामद कर ली गई है. घटना को अंजाम देने वाले में एक उनके गांव का करीबी ही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल हत्या की वजह साफ नहीं हो सकी है.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
इस मामले में यूपी की भाजपा सरकार पर सपा और अखिलेश यादव ने जमकर निशाना साधा है. निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी ने ट्विटर हैंडल और अखिलेश यादव ने खुद ट्वीट पर यूपी की भाजपा सरकार को कटघरे में खडा किया है. वहीं योगी सरकार ने मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के साथ आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की बात कही है. वहीं गोरखपुर पुलिस की जवाबदेही तय करने के साथ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई जल्द से जल्द कर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का ऐलान भी किया है.
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