मुहर्रम: प्रयागराज में दिखा आस्था का अद्भुत नजारा, बच्चे ने दहकते अंगारों पर पढ़ी नमाज
UP News: प्रयागराज में मोहर्रम के त्यौहार को लेकर रोंगटे खड़े कर देने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में 14 साल का बच्चा अंगारों पर बोरा बिछाकर नमाज पढ़ रहा है.
Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में मोहर्रम के त्यौहार को लेकर रोंगटे खड़े कर देने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. चौदह साल का एक बच्चा दहकते अंगारों पर बोरा बिछाकर नमाज पढ़ता हुआ नज़र आ रहा है. रजा अब्बास नाम का यह बच्चा जिस वक्त दहकते अंगारों पर नमाज पढ़ रहा है, उस वक्त वहां सैकड़ो की भीड़ मौजूद है. बच्चा जैसे ही नमाज खत्म कर अंगारों से बाहर आता है, लोगों की भीड़ उसे घेर लेती है. इस दौरान वह बार-बार अपने पैर पटकता दिखाई देता है. ऐसा लगता है मानो वह अंगारों की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है.
यह वीडियो प्रयागराज शहर से सटे हुए बिसौना गांव का है. वीडियो दो दिन पहले यानी मोहर्रम की आठवीं तारीख का है. बिसौना गांव में रात के वक्त मोहर्रम का कार्यक्रम चल रहा था. गांव के बीच में एक जगह आग के दहकते अंगारे रखे गए थे. नौहख्वानी के बीच तमाम लोग या हुसैन करते हुए इन अंगारों पर पैर रखकर आगे बढ़ रहे थे. इस बीच गांव के ही बबलू नाम के शख्स के चौदह साल के बेटे रजा अब्बास ने अंगारों पर नमाज पढ़ने की बात कही. अंगारे पर एक बोरा रख दिया गया और रजा ने इसी बोरे पर नमाज अदा की. इस दौरान वहां मौजूद लोगों की सांसे थम गई. पूरा माहौल या अली या हुसैन की सदाओं से गूंजने लगा. वहां मौजूद भीड़ ने बच्चों की हिम्मत की दाद दी और उसे हुसैन का सच्चा सौदाई बताया.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
चौदह साल के रजा अब्बास नाम के इस बच्चे का कहना है कि इमाम हुसैन और उनके परिवार वालों ने अगर सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए जान की परवाह न कर अपने पूरे कुनबे की शहादत दे दी तो कुछ देर अंगारों पर रहकर नमाज अदा करने से कोई दिक्कत या तकलीफ नहीं हुई. रजा के मुताबिक समूची दुनिया को इंसानियत का पैगाम देने वाले हजरत इमाम हुसैन के नाम पर जिंदगी कुर्बान करने में भी कोई गुरेज नहीं होगा. इस तरह का मौका खुश नसीबो को ही मिलता है.
दहकते अंगारों पर मातम करने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो को लेकर लोग अलग-अलग कमेंट कर रहे हैं. कोई इस बच्चे के हौसले और उसकी आस्था को सेल्यूट कर रहा है, कोई इस्लाम धर्म के त्याग और कुर्बानी के पैगाम को बयां कर रहा है तो कोई इसे आस्था के नाम पर अंधविश्वास और ढोंग बता रहा है. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कमेंट करते हुए लिखा है कि विज्ञान के युग में इस तरह के करतब दिखाना कतई जायज नहीं है और यह अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला है.
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