आगरा, नितिन उपाध्याय। आगरा में कोरोना वायरस बीमारी से फैला संक्रमण बेकाबू हो रहा है। ऐसे में आगरा का पारस हॉस्पिटल सबसे बड़ा कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ है, जिसके मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन की नासमझी और लापरवाही की वजह से उसी हॉस्पिटल से 16 केस कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। लेकिन अभी तक उसके खिलाफ महामारी एक्ट के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ है, जबकि प्रशासन इससे पहले आगरा में दो मुकदमे लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ दर्ज कर चुका है।


भले ही कोरोना से लडने के तरीके की भारत सरकार और राज्य सरकार तारीफ कर रही है, लेकिन कई सारे ऐसे सवाल हैं जो प्रशासन की इस महामारी से लड़ाई में प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। आखिर कहां प्रशासन की चूक हो रही है और कहां ढिलाई बरती जा रही है, जिसकी वजह से आगरा में कोरोना मरीजों ने सैकड़ा पार कर दिया है।


आगरा में कोरोना मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंची


इससे पहले रविवार को 12 नये कोरोना पॉजिटिव केस सामने आये हैं। 12 में से 8 निजी अस्पताल पारस अस्पताल के हैं, इनमे दो जमात से ताल्लुक रखते हैं। जिले में मरीजों संख्या 104 तक पहुंच गयी हैं। आगरा प्रशासन ने अब तक 2,144 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। आगरा में अब तक 257 जमातियों को प्रशासन ने क्वारंटीन किया है। 52 जमाती अब तक कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।