कानपुर, प्रभात अवस्थी। कानपुर कोरोना संक्रमण काल के शुरुआती दौर में अपने आप को काफी सुरक्षित समझ रहा था। अब स्थिति ठीक उलटी हो चुकी है। 16 अप्रैल के बाद से कानपुर में कोरोना बम फूटा और लगातार मरीज बढ़ते रहे। सोमवार को हालात ये रहे है कि एकसाथ 17 पॉजिटिव मरीज सामने आने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिले में अब संक्रमित मरीजों की संख्या 74 हो गयी है।


22 अप्रैल को जनता कर्फ्यू का कानपुर में लोगों ने बहुत सहयोग किया। शहर की जनता ने खुद को घरों में कैद कर लिया। प्रशासन को इस दौरान पूरा सहयोग मिला। कानपुर में पहली बार लोगों की चिंता तब बढ़ी जब बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर की शहर आने की बात सामने आई लेकिन गनीमत रही कि कानपुर में कनिका से जुड़े एक भी पॉजिटिव मामले सामने नहीं आये।


कानपुर में पहला कोरोना केस 23 अप्रैल को सामने आया। नवाबगंज में अमेरिका से वापस आये बुजुर्ग को कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जिनका इलाज हुआ और वो डिस्चार्ज भी हो गये।


दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद कानपुर में 31 मार्च को पॉजिटिव केस सामने आने का सिलसिला शुरू हुआ। प्रशासन ने शहर में 13 हॉटस्पॉट बनाये गये हैं, जिसमे 13 मस्जिद और एक मदरसा शामिल था। 16 अप्रैल तक कोरोना पॉजिटिव केस काफी धीमी रफ्तार से बढ़े लेकिन बीते दिन दिनों में ये आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा और ये आंकड़ा 74 पहुंच गया।


आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि केस बढ़ने की एक वजह ये भी है कि शुरुआत में कानपुर में लैब नहीं थी और सैंपल लखनऊ में जाते थे तो कम केस सामने आए लेकिन अब जब कानपुर में रिपोर्ट आनी शुरू हुई तो केस बढ़े हैं लेकिन एक बात साफ है कि ये सभी केस हॉटस्पॉट से सामने आए।


जमातियों की सूचना देने पर 10 हजार का ईनाम


आईजी ने बताया कि अभी भी मरकज से जुड़े लोग सामने नहीं आ रहे हैं, जिसके लिए आईजी ने जमातियों पर ईनाम घोषित किया है। छिपे जमातियों के बारे में बताने पर लोगों की पहचान गुप्त रखी जायेगी और उनको 10 हज़ार रुपये भी दिए जाएंगे।


अग्रवाल ने बताया कि कानपुर में 20 अप्रैल से जो छूट मिलनी थी वो भी खत्म कर दी गयी है, यही नहीं लॉक डाउन का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है। हॉट स्पॉट एरिया में कोई दुकान नहीं खुलेगी और सख्ती से पालन होगा।