कुशीनगर, एबीपी गंगा। मिर्जापुर में हुए मिड-डे-मील कांड से यूपी के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सहमे हुए हैं। प्राथमिक विद्यालयों में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापक अब एमडीएम का जिम्मा लेने से कतरा रहे हैं। कुशीनगर जनपद में दो ब्लॉकों के लगभग 175 प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने सामूहिक इस्तीफा देकर अपना इरादा भी जाहिर कर दिया है। इस्तीफा देने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापकों का कहना है कि मिड-डे-मील बनवाने की जिम्मेदारी उन्हीं की होती है और इसके लिए उन्हें न तो कोई भत्ता दिया जाता है और न ही कोई अन्य सुविधा।


कइयों ने तो यहां तक कहा कि पिछले तीन साल से उनकी प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति भी रुकी हुई है ऐसे में प्रभारी प्रधानाध्यापक पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। बीते दिन ‌विशुनपुरा ब्लॉक के 58 प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।



बुधवार को पडरौना के 117 प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने वाले ये प्रभारी प्रधानाध्यापक अपने मूल पद शिक्षक पर कार्य करेंगे। शिक्षकों के इस फैसले से सकते में आए बेसिक शिक्षा अधिकारी उनसे वार्ता कर उनकी समस्याओं का हल निकालने का आश्वासन देने की बात कह रहे हैं।


शिक्षकों का कहना है एमडीएम से लेकर हर काम के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक ही जिम्मेदार होता है। प्रधानाध्यापक कोटेदार के यहां से राशन लेकर आएगा, सब्जी खरीदकर लाएगा, बच्चों की पढ़ाई को छोड़कर उनसे बाकी सारे काम कराए जाते हैं। लेकिन उसे किसी तरह की सुविधा नहीं दी जाती है। इतना ही नहीं प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य कर रहे शिक्षकों की पदोन्नति भी रुकी हुई है। इन सबको लेकर अभी तक 175 प्रभारी प्रधानाध्यापकों ने अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।



एक साथ इतने प्रभारी प्रधानाध्यापकों के इस्तीफे के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। प्रभारी प्रधानाध्यापकों के इस्तीफे के बाद प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था चरमरा जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार डैमेज कंट्रोल का प्रयास कर रहे रहे हैं लेकिन अभी शिक्षक मानने को तैयार नहीं हैं। बीएसए का मानना है एमडीएम पर असर नही पड़ने दिया जाएगा, यह सबसे महत्वपूर्ण है।