लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बढ़ता साइबर अपराध जहां जनता के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ यूपी पुलिस के लिए एक नई चुनौती पेश कर रहा है. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर अपराध से निपटने के लिए अलग से थाना स्थापित किया है. प्रदेश के सभी 18 रेंज मुख्यालयों पर 18 साइबर थाने बना दिए गए हैं. सभी रेंज के जिलों में साइबर अपराध से जुड़े मामलों पर ये साइबर थाने एफआईआर दर्ज करेंगे विवेचना करेंगे और आरोपियों की गिरफ्तारी कर चार्जशीट भी दाखिल करेंगे.


बीते कुछ सालों में जैसे-जैसे सोशल मीडिया और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का चलन बढ़ा, वैसे-वैसे साइबर अपराधियों के कांड भी बढ़ने लगे. या यूं कहें कि साइबर अपराध का बोलबाला होने लगा. अब लोगों को चोरों और लुटेरों से ज्यादा साइबर अपराधियों से अपनी गाढ़ी कमाई बचाना मुश्किल होने लगा है. बीते कुछ सालों में बढ़ते साइबर अपराध के आंकड़े इसी नए खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं. इस नई चुनौती से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक नई शुरुआत की है.


साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए अब लखनऊ, नोएडा, आगरा जैसे बड़े शहरों में नहीं बल्कि हर रेंज मुख्यालय में साइबर थाना बना दिया गया है. लखनऊ और नोएडा में बनाई जा चुकी साइबर सेल के चलते साइबर थाना पहले से काम कर रहा था लेकिन अब सभी जिलों को साइबर अपराध से निपटने के लिए अलग से साइबर थाना की व्यवस्था दे दी गई है.


3 इंस्पेक्टर, 3 सब इंस्पेक्टर, 5 हेड कांस्टेबल और 32 कांस्टेबल के साथ हर रेंज मुख्यालय पर यह साइबर थाना बनाया गया है. हर साइबर थाने की अपनी ई-मेल आईडी होगा और अलग सरकारी मोबाइल नंबर. ई-मेल के जरिए या व्हाट्सएप के जरिए साइबर थाने को अपनी तहरीर भेजी जा सकेगी जिस पर एफआईआर भी दर्ज होगी, अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने के साथ चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी.


बीते एक सप्ताह में इन साइबर स्थानों पर अब तक 25 मुकदमे दर्ज भी हो चुके हैं. एक लाख से अधिक के फ्रॉड वाले मुकदमे इन साइबर थानों पर दर्ज किए जा रहे हौं तो वहीं एक लाख से कम के फ्रॉड जिले के संबंधित थाने में दर्ज होंगे. डीजीपी मुख्यालय में एडीजी क्राइम के अधीन काम कर रही साइबर सेल प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों की मॉनिटरिंग करेगी और हर थाने से एक रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को भेजी जाएगी. इतना ही नहीं भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल से भी साइबर थाने पर एफआईआर दर्ज की जा सकेगी.


बीते कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध सबसे ज्यादा बढ़ा है. साल 2018 में साइबर अपराध के 6280 मामले सामने आए जो साल 2017 से 27 फीसदी अधिक था. साल 2020 के 7 महीने में ही साइबर क्राइम से जुडी 5400 के करीब शिकायतें पुलिस के 112 को मिल चुकी हैं. अधिकारी भी कह रहे हैं की साइबर अपराध नई चुनौती है लिहाजा इससे निपटने के लिए अब तैयार होने की जरूरत है. साइबर फ्रॉड में अब न सिर्फ बैंकिंग से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले आ रहे हैं बल्कि फर्जी नौकरी देने के नाम पर वसूली, सरकारी विभागों के दस्तावेज देने जैसे ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायतें भी आने लगी हैं. साइबर अपराध का दायरा बढ़ता जा रहा है, जिसे अब यूपी पुलिस रोकने के लिए कमर कस चुकी है.


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