Bhuteshwar Temple of Jalaun: सावन का महीना भोलेनाथ का महीना कहा जाता है. ऐसे में भोले भंडारी के दर्शन पाने के लिए मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगीं रहती हैं. ऐसा ही एक मंदिर जालौन के कोंच नगर में मौजूद है, जो लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. इस मन्दिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है और पुजारी और स्थानीय श्रद्धालुओं की मानें तो मंदिर करीब 1800 वर्ष पुराना बताया जाता है.
 


दूर दूर से आते हैं श्रद्धालु भूतेश्वर मंदिर के दर्शन करने 


बता दें कि, जालौन के कोंच नगर में भगवान शिव के मंदिर को भूतेश्वर के नाम से जाना जाता है और इसके इतिहास को लोग काफी वर्ष पुराना बताते हैं. भगवान भोलेनाथ की एक झलक पाने को मंदिर में सुबह से भक्तों की कतारें लगना शुरू हो जाती हैं. श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. साल के 365 दिन शिवलिंग का अभिषेक और श्रृंगार किया जाता है.




श्रावण मास के शुरू होते ही शिवालयों में पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई है. वहीं, कोच के भूतेश्वर महादेव मंदिर पर सुबह से ही कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला. यहां की मान्यता और प्राचीनता भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. कुछ भक्तों का तो यह कहना है कि, श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है. भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है और मन की शांति के साथ वैभव की प्राप्ति होती है. भगवान शिव सभी की मनोकामना पूरी करते हैं. कोंच नगर में स्थित भगवान शिव शंकर का भूतेश्वर मंदिर 1800 वर्ष पुराना बताया जाता है.


मान्यता है कि यहां ध्यान में लीन हुए थे महादेव 


लोगों का मानना है कि भगवान शिव अपनी आराधना पूरी करने के लिए इस जगह पर एक कुटिया बना कर ध्यान में लीन हुए थे. इसीलिए इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु लगातार 40 दिन पूजा अर्चना करता है, भगवान भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं. भगवान शिव लोगों के आराध्य देव हैं और सावन मास में इनकी पूजा अर्चना का एक अलग ही महत्व है.


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