UP News: 18वीं सदी की मस्जिद की मीनार अतिक्रमण की कार्रवाई की चपेट में आ गई है. मस्जिद के एक हिस्से को गिराने का मामला अदालत की दहलीज तक पहुंच गया है. गुदड़ी बाजार स्थित शिया की 'खजूर वाली मस्जिद' की मीनार 'राम पथ' के रास्ते में में रोड़ा बन रही है. 6 लेन की सड़क निर्माण में रोड़ा बनने पर मीनार को गिराकर हटाने का प्रशासन की तरफ से आदेश मिला है. मस्जिद समिति ने अयोध्या प्रशासन पर मीनार को गिराने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है. राम पथ लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर नया घाट से शहादतगंज इलाके को जोड़ता है. अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद की मीनार प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण का करीब तीन मीटर अतिक्रमण कर रही है. मस्जिद बरकरार रखने के लिए एक बीम बनाने और मीनार हटाने के लिए मस्जिद कमेटी को एक महीने का समय दिया गया है. प्रशासन के आदेश को मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है.


'राम पथ' के रास्ते में आ रहा मस्जिद का एक हिस्सा


याचिका पर 3 मार्च को हुई सुनवाई में शिया वक्फ बोर्ड, अयोध्या जिलाधिकारी और लोक निर्माण विभाग का जवाब मांगा था. हाईकोर्ट की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को दी थी. मस्जिद समिति के कानूनी सलाहकार एडवोकेट इंतजार हुसैन ने कहा कि सभी पक्षकारों ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. हमारी तरफ से दाखिल किए गए जवाब में अदालत को बताया गया है कि मस्जिद ऐतिहासिक संरचना है और शिया समुदाय का प्रतीक है.


इलाहाबाद हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ याचिका


हमने अदालत से अधिकारियों को मीनार ध्वस्त नहीं करने का आदेश देने की गुहार लगाई है. मामले में 3 मार्च के बाद समय कम होने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी थी. एडवोकेट इंतजार हुसैन ने कहा हम अदालत से नई तारीख जल्द देने की मांग करेंगे. मस्जिद के केयरटेकर परवेज हुसैन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रशासन मस्जिद के एक हिस्से को गिराने का दबाव बना रहा है. उन्होंने बताया कि मस्जिद शिया वक्फ बोर्ड में रजिस्टर है. मस्जिद कमेटी के मुताबिक, संरचना का निर्माण नवाब मेंहदी हसन खान की तरफ से 1750 में कराया गया था. परवेज हुसैन ने बताया कि मस्जिद में शिया समुदाय नमाज अदा करता है.


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