18वीं लोकसभा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने स्पीकर के चुनाव के बाद अपने पहले भाषण में उत्तर प्रदेश की विधानसभा को याद किया. स्पीकर ओम बिरला से अखिलेश यादव ने कहा कि मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं उस सदन की कुर्सी बहुत बड़ी है. मुझे उम्मीद है आप सत्ता पक्ष की तरह ही विपक्ष का भी सम्मान करेंगे और हमें अपनी बात रखने का मौका देंगे.


इसके साथ ही अखिलेश ने कहा कि लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देना चाहता हूं.  उम्मीद है लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौका और सम्मान देंगे, निष्पक्षता इस महान पद की जिम्मेदारी है, किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई न जाए."



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उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा सदस्य यादव ने कहा, ‘‘जिस पद पर आप बैठे हैं उससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं. हम सब यही मानते हैं कि यह बिना भेदभाव के आगे बढ़ेगा और लोकसभा अध्यक्ष के रूप में आप हर सांसद और हर दल को बराबरी से मौका देंगे.’’


निष्कासन जैसी कार्रवाई सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचाए- अखिलेश
उन्होंने कहा ‘‘निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है. आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश की तरह बैठे हैं. हम सबकी अपेक्षा है कि किसी भी जनप्रतिनिधि की आवाज दबाई न जाए और न ही दोबारा निष्कासन जैसी कार्रवाई सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाए.’’


यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, ‘‘आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, आपका अंकुश सत्तापक्ष पर भी रहना चाहिए.’’


यादव ने कहा, ‘‘अध्यक्ष महोदय, आपके इशारे पर सदन चलना चाहिए, इसका उलटा नहीं होना चाहिए. हम आपके हर न्यायसंगत फैसले के साथ खड़े हैं.’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया. वह दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं.