लखनऊ, एबीपी गंगा। बड़ी धूमधाम से शुरू की गई देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस सुर्खियों में हैं। तेजस में छंटनी का दौर शुरू हो गया है। इस ट्रेन में काम करनेवाले 20 कर्मचारियों को निकाला गया है। एक महीना ही अभी पूरा हुआ है और हालात ये हो गये हैं। इस कदम के बाद कर्मचारियों में रोष है। स्टाफ ने आरोप लगाया है कि बिना नोटिस के यह कार्यवाही की गई है। निकाले गये लोगों में कोच अटेंडेंट, क्रू मेंबर्स हैं। आपको बता दें कि दिल्ली की एक फर्म ट्रेन में कैटरिंग व हॉस्पिटेलिटी की सर्विस उपलब्ध कराती है।


इस बीच स्टाफ ने शिकायत दर्ज कराते हुये कहा कि 18-18 घंटे ड्यूटी करने, देरी से मिलने वाली सैलरी व यात्रियों के छेड़छाड़ करने की शिकायत की वजह से उन्हें निकाला गया है।


आईआरसीटीसी के हवाले है परिचालन
तेजस ट्रेन का परिचालन आईआरसीटीसी कर रहा है। लेकिन हॉस्पिटेलिटी की जिम्मेदारी वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स (आरके एसोसिएस) की है। ये प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर के तौर पर आईआरसीटीसी के साथ जुड़ा है। इस फर्म ने केबिन क्रू व अटैंडेंट के तौर पर 40 से अधिक लड़के-लड़कियों को रखा। जिन 20 कर्मचारियों को हटाया गया उनमे एक दर्जन लड़कियां हैं। वहीं कई दिनों तक इंतजार कराने के बाद इन्हें सैलरी तो दी लेकिन दोबारा काम पर नहीं रखा।