UP Politics: 2000 का नोट चलन से बाहर होने पर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा की 2016 की नोटबंदी और इसमें अंतर है. उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को पूरा मौका दिया है कि लोग आराम से अपना पैसा बदलवा सकें. किसी को एक प्रतिशत भी दिक्कत नहीं होने वाली. बासित ने कहा कि आरबीआई ने जो गाइडलाइन दी है उसके तहत लोगों को 30 सितंबर तक बैंकों से नोट बदलने का समय मिला है, जाहिर है कि यह काफी लंबा समय है और इससे लोगों को नोट बदलने में कोई परेशानी नहीं होगी हां उन लोगों को दिक्कत जरूर हो सकती जिनके पर अथाह ब्लैक मनी रखी हो, जिन्होंने बहुत सारे 2000 के नोट इकट्ठे कर लिए हों लेकिन आम जनता को कोई दिक्कत नहीं है और यह जनहित में लिया गया फैसला है. 


'सपा-बसपा भी अपने आपको 2 हजार का नोट मान रहे हों क्योंकि...'
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जो सरकारें रही हैं उन्होंने भी 10 साल के अंतराल पर करेंसी को बदला है. बहुत सारे मुल्कों में 10 साल के अंदर करेंसी बदल दी जाती है ताकि जो लोग बड़े नोटों को चलन से बाहर कर अपने घर में कट्ठा कर लेते हैं उस पर रोक लगे. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कि सपा-बसपा अपने आपको 2000 का नोट मान रहे हों क्योंकि वह भी चुनाव में चलन से बाहर हुए.


'यह जनहित में लिया गया फैसला'


बासित अली ने कहा कि नोट शुरू किया गया और बंद किया गया यह आरबीआई और सरकार का निर्णय है. सरकार जब काम करती है तो जनकल्याण के लिए जनहित में करती है. उन लोगों को भी इस को समर्थन देना चाहिए, किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं, अब लोगों को लाइन में नहीं लगना है, लोगों के पास पूरा समय है. लोग आराम से डेली रुटीन की तरह बैंक जाकर नोट बदल सकते हैं.


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