UP News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार की शाम दो हजार रुपये के नोट को बंद करने के ऐलान किया. इस ऐलान के बाद नेताओं के साथ-साथ आम लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसी बीच नोटबंदी के दौरान पैदा हुए खजांची की मां ने भी अपना सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह मैंने बीते नोटबंदी में लंबी लाइन लगने के दौरान अपने बच्चे को जन्म दिया था, जिसमें बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा था. सरकार इसका ध्यान दें कि ऐसा फिर से किसी महिला के साथ न हो पाए.


दरअसल 8 नवंबर, 2016 की रात तो सबको याद होगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रातों-रात 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की थी. इस घोषणा ने बहुत से लोगों की रातों की नींद छीन ली थी. दूसरे दिन ही बैंकों और एटीएम के सामने जनता की लंबी-लंबी कतारें लग गईं थीं. वहीं बीते शुक्रवार (19 मई) को आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा कर दी है.


2 दिसंबर 2016 को हुआ था खजांची का जन्म


500 और 1000 रुपये के नोटों की नोटबंदी के दौरान यूपी में कई घटनाएं हुईं. इस बीच कानपुर देहात के झींझक कस्बे में 2 दिसंबर, 2016 को खजांची के जन्म से पहले उसकी मां बैंक की कतार में पैसे लेने के लिए घंटों से खड़ी थी, जहां अचानक उसके पेट में दर्द हुआ और उसने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया. इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने जमकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. सबसे ज्यादा दिलचस्पी उस वक्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिखाई.


अखिलेश यादव ने की थी आर्थिक मदद


अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से संपर्क किया और उसे डोडा की आर्थिक सहायता दी. साथ ही बच्चे का नाम खजांची रख दिया. वहीं अब दोबारा से 2000 के नोट चलन से बाहर होने की बात पर खजांची की मां सर्वेशा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार इसका ध्यान रखेगी, लाइन में लगी सभी गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा दी जाए, जिससे उन्हें मेरी जैसी परेशानी न मिल सकें.


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