2000 Rupee Note: दो हजार रुपये का नोट बंद होने पर सपा का केंद्र सरकार पर तंज, कहा- 'इनके पास सिर्फ मास्टरस्ट्रोक'
2000 Rupee Currency Note: केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा कि 2000 रुपये का नोट लाना भी उनका मास्टरस्ट्रोक था और आज इसे वापस लेना भी इनका मास्टरस्ट्रोक है.
Udaiveer Singh On 2000 Rupee Currency: दो हजार रुपये के नोट बंद किए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी (SP) के प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उदयवीर सिंह ने कहा कि जब नोटबंदी हुई थी, तब से ही विपक्ष के लोग कह रहे थे कि यह अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाला है. भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है और देश की आर्थिक नीतियों पर बड़ी चोट है, वह सही साबित हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पिक्चर से हट गए हैं और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को आगे करके नोट वापस करा रहे हैं.
उदयवीर सिंह ने कहा कि अगर ओलंपिक में कोई पदक जीत जाए तो पीएम मोदी का चेहरा सामने, किसी राज्य में सरकार बन जाए तो पीएम मोदी का चेहरा सामने आ जाएगा लेकिन कर्नाटक में हार गए तो जेपी नड्डा का चेहरा सामने आ जाएगा, जब नोट वापस लेने हो तो आरबीआई का सामने आ जाएगा. यह सरकार ने अपनी असफलता और अपनी गलती स्वीकार की है लेकिन इतनी हिम्मत नहीं दिखाई कि कह सकें कि हमसे गलती हो गई.
नोटबंदी पर उदयवीर सिंह ने उठाए सवाल
केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए सपा प्रवक्ता ने कहा, "2000 रुपये का नोट लाना भी उनका मास्टरस्ट्रोक था और आज इसे वापस लेना भी इनका मास्टरस्ट्रोक है. इनके पास सिर्फ मास्टरस्ट्रोक हैं, जो करते हैं लेकिन उन्होंने जो अर्थव्यवस्था का नुकसान किया है, रोजगार खत्म किया है, जैसे गरीब का रोजगार-व्यापार गया, उसको इतिहास में कभी माफ नहीं किया जा सकता. ऐसा इतिहास में मोहम्मद बिन तुगलक करते रहे."
'सरकार की गलत नीतियों का दर्द जनता को झेलना है'
उदयवीर सिंह ने कहा कि पूरी नोटबंदी इसलिए की गई थी कि जनता का जितना पैसा है, वह बैंकों में लाया जा सके और उस पैसे को ले जाकर अडानी से लेकर विदेश में भाग गए मित्रों के लोन माफ किए जा सके. उनको लोन की किस्त भरने के लिए भी लोन दिया जा सके, वर्ना जितना पैसा बैंक में गया था, उतना बैंक लोन देते तो अर्थव्यवस्था बेहतर होती. कहते थे 2000 का नोट इसलिए लाए की भ्रष्टाचार बंद होगा, लेकिन अब कह रहे है कि इसलिए बंद कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार बंद होगा. इस फैसले से जनता में पैनिक होगा, लोग भागेंगे, दौड़ेंगे, जब पहले पूरे नोट बंद करके कुछ हासिल नहीं हुआ तो अब क्या हासिल होगा. यह सरकार की गलत नीतियों का दर्द है, जो जनता को झेलना है.
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