UP News: 2000 के नोट सर्कुलेशन से बाहर करने पर विपक्षी पार्टियों की तीखी प्रतिक्रिया आ रही है. विरोधी पार्टी के नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं. इसी कड़ी में सपा विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर (Shahid Manzoor) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी साल में और भी कई शिगूफे देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि जवाबदेही के वक्त पीएम मोदी नया शिगूफा छोड़ देते हैं. शाहिद मंजूर ने सवाल उठाया कि दो हजार का नोट बाजार में लाने की आखिर जरूरत क्या थी जबकि 500 और 1000 का नोट बंद कर दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि काला धन बीजेपी नेताओं के घरों से निकल रहें हैं. छापेमारी में कभी 200 करोड़ तो कभी 500 करोड़ का खुलासा हो रहा है.
दो हजार रुपए का नोट बंद होने पर भड़की सपा
बता दें कि आरबीआई ने 19 मई को बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान कर दिया. आरबीआई ने साफ कर दिया है कि 30 सितंबर, 2023 तक 2000 रुपए के नोट वैध रहेंगे. आम लोग 23 मई, 2023 से 30 सितंबर 2023 के बीच बैंकों में जाकर नोट को बदल सकते हैं. एक बार में दो हजार रुपए के 10 नोटों को बदला जा सकता है. आरबीआई ने साफ कर दिया है कि अकाउंट नहीं होने पर भी बैंक में दो हजार के नोटों को जमा किया जा सकता है.
सरकार को समझदारी दिखाने की दी गई सलाह
ग्राहकों से नोट बदलने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. आरबीआई के फैसले का बीजेपी नेता स्वागत कर रहे हैं. विरोध में आए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा-"कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है. दो हजार के नोट मामले में भी ऐसा ही हुआ है. लेकिन इसकी सजा देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है."