Akhilesh Yadav On 2000 Rupees Notes: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि वह 2000 रुपये के बैंक नोट प्रचलन से वापस लेगी, हालांकि ये वैध मुद्रा बने रहेंगे. इस पर समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने कहा है कि कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है. 2000 रुपये के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सजा देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है.


गौरतलब है कि आरबीआई ने कहा है कि सभी बैंक 30 सितंबर तक 2000 रुपये के बैंक नोट जमा करने और उन्हें बदलने की सुविधा उपलब्ध कराएंगे. आरबीआई ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की 'स्वच्छ नोट नीति' के अनुरूप 2,000 रुपये के नोट वापस लिए जाएंगे. केंद्रीय बैंक के अनुसार, लोग अपने खातों में 2,000 रुपये के नोट जमा करा सकते हैं या किसी भी बैंक की शाखा में इन्हें बदल सकते हैं.



एक बार में 20000 रुपये के ही नोट बदले जा सकेंगे


आरबीआई ने कहा, "बैंक खातों में बिना किसी सीमा के सामान्य तरीके से इन्हें जमा कराया जा सकता है, हालांकि, मौजूदा निर्देश और अन्य प्रावधान लागू होंगे." केंद्रीय बैंक ने कहा कि परिचालन और बैंक शाखाओं के नियमित कामकाज सुचारू रखने के लिए 23 मई से एक बार में 20000 रुपये के ही नोट बदले जा सकेंगे. समयबद्ध तरीके से इस काम को पूरा करने और आम लोगों को पर्याप्त समय देने के लिए सभी बैंकों को 30 सितंबर 2023 तक इन नोटों को जमा कराने और बदलने की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.


23 मई से बदले जाएंगे दो हजार रुपये के नोट


केंद्रीय बैंक के अनुसार, 20,000 रुपये मूल्य तक के 2,000 रुपये के बैंक नोटों को 23 मई से उसके 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में भी बदला जा सकेगा. आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (वित्तीय सेवा क्षेत्र) कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा, जैसा की नोटबंदी के समय देखा गया था, आने वाले दिनों में कुछ समय तक बैंकों में जमा में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. इससे जमा दर में बढ़ोतरी का दबाव कम होगा और अल्पावधि जमा दरों में नरमी देखी जा सकती है.


2018-19 में बंद कर दी गई थी 2000 रुपये के नोटों की प्रिंटिंग


आरबीआई के अनुसार, 2,000 रुपये के बैंक नोट नवंबर 2016 में जारी किए गए थे. इसका उद्देश्य उस समय प्रचलन में मौजूद 500 और 1000 रुपये के बैंक नोटों की वैधता समाप्त करने के बाद अर्थव्यवस्था की करेंसी की जरूरत को तेजी से पूरा करना था. दूसरे बैंक नोटों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के बाद 2,000 के बैंक नोट जारी करने का उद्देश्य पूरा हो गया था. इसलिए, 2018-19 में 2,000 के बैंक नोटों की प्रिंटिंग बंद कर दी गई थी.


दूसरे मूल्यों के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध- आरबीआई


आरबीआई ने कहा कि 2,000 रुपये के 89 प्रतिशत बैंक नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और चार-पांच साल की उनकी अनुमानित जीवन अवधि समाप्त होने वाली है. उसने कहा कि प्रचलन में मौजूद इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च 2018 के उच्चतम 6.73 लाख करोड़ रुपये (प्रचलन में मौजूद सभी नोटों का 37.3 प्रतिशत) से घटकर 31 मार्च 2023 को 3.62 लाख करोड़ रुपये (प्रचलन में मौजूद सभी नोटों का 10.8 प्रतिशत) रह गया है. आरबीआई ने कहा कि अब इन नोटों का उपयोग आम तौर पर लेन-देन में नहीं होता है. इसके अलावा, लोगों की करेंसी की जरूरत पूरी करने के लिए दूसरे मूल्यों के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.


ये भी पढ़ें- 2000 Rupees Note: दो हजार रुपये का नोट बंद होने पर कांग्रेस नेता बोले- यह सरकार की विश्वसनीयता पर बड़े...'