गाजियाबाद. मुरादनगर में हुए श्मशान घाट हादसे में कई परिवारों की जिंदगियां उजड़ गई हैं. इस हादसे ने किसी का पिता छीना तो किसी के घर का चिराग. कई परिवारों में तो अब कोई कमाने वाला तक नहीं रहा. इस हादसे के बाद मुरादनगर की गलियों में सन्नाटा है. हर तरफ शोक की लहर है. मृतकों के घरों में लोग बेसुध पड़े हैं.


हादसे के बाद श्मशान घाट के निर्माण में घटिया सामग्री प्रयोग करने की बात सामने आई है. श्मशान घाट की गैलरी का निर्माण लगभग 2 महीने पहले ही पूरा हुआ था और लेंटर 15 दिन पहले ही खुला था. इसके लिए 55 लाख रुपये का ठेका दिया गया था. जिस तरह की निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया, उस पर मौके पर आई एनडीआरएफ की टीम ने भी सवाल भी उठाए हैं.


जानें बड़ी बातें




  • मुरादनगर के उखलारसी में श्मशान घाट में एक शख्स के अंतिम संस्कार में जुटे लोगों पर लेंटर गिर गया. सभी लोग लेंटर के मलबे में दब गए

  • मौके पर पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम पहुंची. स्थानीय लोगों के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया

  • मलबे में दबकर 25 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए

  • सीएम योगी ने घटना का खुद संज्ञान लिया और मंडल आयुक्त व जिलाधिकारी को रिपोर्ट बनाने को कहा

  • पुलिस ने नगरपालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार कर लिया. ठेकेदार अजय त्यागी पुलिस की गिरफ्त से बाहर था

  • हादसे से नाराज पीड़ितों के परिजनों ने सड़कों पर शवों को रखकर हाईवे जाम कर दिया

  • सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और सरकारी नौकरी का आश्वासन, जाम खुला

  • सोमवार देर रात ठेकेदार अजय त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उस पर 25 हजार का इनाम घोषित था

  • हादसे के बाद सीएम योगी अधिकारियों से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं. कमिश्नर और गाजियाबाद के डीएम समेत कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है


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श्मशान घाट के निर्माण में प्रयोग किया गया था बेहद घटिया मटेरियल, लेंटर से टपकता था पानी